अब इंद्रा के खिलाफ इसी अदालत में मामले के अन्य आरोपियों के साथ ही भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302, 364, 201 तथा 120 बी के तहत सुनवाई चलेगी।गौरतलब है कि मामला दायर होने के बाद लंबे समय तक फरार रही इन्द्रा को मध्यप्रदेश से गिरफ्तार करने के बाद सीबीआई ने चौथी पूरक चार्जशीट दायर की थी।
इस पर दोनों पक्षों की बहस के बाद कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित कर लिया था। आरोप निर्धारण के दौरान इंद्रा को कड़ी सुरक्षा के बीच न्यायालय में लाया गया। अब इस मामले में 18 दिसम्बर से गवाही शुरू होगी। बचाव पक्ष ने 70 पृष्ठ का लिखित जवाब पेश किया था इंद्रा के अधिवक्ता संजय विश्नोई तथा अन्य ने 3 नवम्बर को सीबीआई की ओर से पेश चौथी पूरक चार्जशीट में लगे आरोप के खिलाफ 70 पेज की लिखित बहस न्यायालय में दी थी।
इसका जवाब 20 नवम्बर को सीबीआई के अधिवक्ता एससी शर्मा ने लम्बी बहस करके दिया था। न्यायालय ने बुधवार को सीबीआई की दलीलें स्वीकार करते हुए इंद्रा के खिलाफ आरोप निर्धारित कर दिए। हाईकोर्ट में देंगे चुनौती आरोप निर्धारित होने पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता विश्नोई ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायलय में जल्द ही निगरानी याचिका दायर कर चुनौती दी जाएगी।
एससीएसटी की धाराआें से किया मुक्त अदालत ने आरोपी इन्द्रा को एससी एसटी की धाराओं से मुक्त करते हुए अपहरण व हत्या की धाराओं में ही चार्ज फ्रेम किए हैं। बचाव पक्ष की ओर से इन्द्रा को आरोपों से डिस्चार्ज करने के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया गया। चूंकि इन्द्रा के खिलाफ सीबीआई की ओर से पेश की गई चौथी पूरक चार्ज शीट को अनुसूचित जाति जनजाति अदालत में कमिट कर दिया गया था।
सीबीआई की चार्जशीट में एससी एसटी एक्ट की कोई धारा नही लगाई गई थी। प्रस्तुत चार्जशीट में आईपीसी के अपराध आरोपित किए गए थे। सीबीआई की चार्जशीट में चार मौतबिर गवाह और बनाए गए थे। सुनवाई के दौरान सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक एजाज अहमद भी मौजूद रहे।