गौरतलब है कि इसी महीने इस अर्जी पर अनुसूचित जाति जनजाति अदालत में सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान आरोपी इंद्रा विश्नोई सहित आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया था। सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से एफबीआई की गवाह अम्बर बी कार की गवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से करवाने को लेकर अर्जी पर बहस में कहा गया कि अमरीका से गवाह का यहां आना सम्भव नहीं हैं, ऐसे में उनकी गवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से करवाई जाए। बचाव पक्ष के वकीलों ने पूर्व में भी सीबीआई में इसको लेकर अर्जी पेश की थी जिसे खारिज कर दिया गया था। तब अदालत ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद प्रार्थना पत्र पर निर्णय सुरक्षित रख लिया था। हालांकि तब आरोपी पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा, पूर्व विधायक मलखान सिंह विश्नोई, परसराम विश्नोई कोर्ट में पेश नहीं हुए थे।
आपको बता दें कि भंवरी देवी 2011 में गायब हो गई थी। जांच के दौरान पता चला की उसकी हत्या हो गई है। मामले में राजस्थान के पूर्व कैबिनेट मंत्री महिपाल मदेरणा और कांग्रेस विधायक मलखान सिंह विश्नोई पर हत्या का आरोप लगा तब जांच का काम सीबीआई को सौंपा गया। भंवरी देवी के गायब होने के बाद एक सीडी भी सामने आई जिसमें मदेरणा और भंवरी की आपत्तिजन वीडियो ने राजस्थान की सियासत को हिला कर रख दिया। भंवरी के रिश्ते विधायक मलखान से भी बताए जाते रहे। मलखान से भंवरी को एक बेटी भी पैदा होना सामने आया था।