बड़े ‘दिल वाली बेटी ने बुलंद हौसलों से पूरे परिवार को कोरोना संकट से उबारा
जोधपुरPublished: May 17, 2021 10:36:31 am
पांच पुत्रियों के परिवार में दिल की मरीज बेटी दूसरे मरीजों के लिए भी बनी सहारा
बड़े ‘दिल वाली बेटी ने बुलंद हौसलों से पूरे परिवार को कोरोना संकट से उबारा
जोधपुर. हिम्मत और हौसला हो तो बेटियां भी परिवार में आए बड़े से बड़े संकट से उबारने में अपनी भूमिका का बखूबी निर्वहन कर सकती है। महामंदिर तीसरी पोल के बाहर स्थित तिलक नगर निवासी खेतानी परिवार की पांच बेटियों में सबसे बड़ी बेटी व दिल की मरीज 40 वर्षीय सालू ने कोरोना संक्रमण की चपेट मे आए माता-पिता-बहन-और पति की दिन रात सेवा कर न केवल पूरे परिवार को संकट उबारा बल्कि अपने बुलंद हौसलों से खुद को भी संक्रमण से महफूज रखने में सफलता हासिल की। खेतानी के परिवार पर कोरोनावायरस का ऐसा कहर बरपा कि एक-एक कर सदस्य उसकी चपेट में आते चले गए। लेकिन पांच बेटियों में सबसे बड़ी बेटी सालू ने पूरी हिम्मत धैर्य और आत्मविश्वास का परिचय दिया। परिवार में सबसे पहले अगस्त 2020 में उसके पिता किशोर खेतानी की तबियत बिगडऩे पर महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां कोरोना जांच कराने पर रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। कोविड वार्ड में भर्ती पिता की सेवा का जिम्मा सालू ने पूरी हिम्मत से उठाया । वह करीब एक महीने तक पिता की दिन रात सेवा में जुटी रही और कोरोना को हराकर पिता को सकुशल घर लाने में कामयाब रही। इस संकट की घड़ी में शालू के पति ओमप्रकाश ने भी पूरा साथ निभाया । कोविड की दूसरी लहर में सालू के पति कोरोना संक्रमण की चपेट में आने पर एमडीएम में भर्ती कराया गया जहां से 1 मई को कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट मिलने के बाद राहत मिली थी। इस दौरान वार्ड में भर्ती अन्य कोविड मरीजों को संबल प्रदान करती रही। इसी दौरान 27 अप्रेल को छोटी बहन ललिता और मां सुमन खेतानी भी कोरोना संक्रमित हो गई। जिन्हें अलग अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया । इनमें मां सुमन को 9 मई को एमडीएम से सकुशल लेकर घर लौटी। बहन के स्वास्थ्य में सुधार के बाद अस्पताल से छुट्टी मिली लेकिन घर आते ही तबियत बिगड़ी लेकिन अब स्वास्थ्य में सुधार है।