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बर्ड रेस्क्यू सेंटर खीचन : पहले जमीन नहीं, अब बजट का इंतजार

locationजोधपुरPublished: Sep 25, 2019 09:17:41 am

Submitted by:

pawan pareek

विश्व पर्यटन मानचित्र पर खीचन को खास पहचान दिलाने वाले प्रवासी पक्षी कुरजां के लिए अब तक बर्ड रेस्क्यू सेंटर नहीं बन रहा है।

 Bird rescue center Khichan: First no land, now waiting for budget

बर्ड रेस्क्यू सेंटर खीचन : पहले जमीन नहीं, अब बजट का का इंतजार

फलोदी (जोधपुर) . फलोदी तहसील के खीचन गांव को विश्व पर्यटन मानचित्र पर खास पहचान दिलाने वाले प्रवासी पक्षी कुरजां के यहां शीतकालीन प्रवास के दौरान जख्मी होने व बीमार होने पर उपचार देकर उनकी जान बचाने के लिए तहसील के खीचन गांव में प्रस्तावित बर्ड रेस्क्यू सेंटर का इंतजार खत्म ही नहीं हो रहा है।
वर्ष 2012-13 में राज्य सरकार द्वारा बर्ड रेस्क्यू सेंटर के लिए करीब 5 लाख का बजट भी दिया था, लेकिन यहां वन विभाग की भूमि नहीं होने के कारण बर्ड रेस्क्यू सेंटर का बजट दो बार लैप्स हो गया। अब यहां रेक्स्यू सेंटर के लिए जमीन उपलब्ध हो जाने के बाद भी वापस बजट नहीं मिला है। जिससे इस रेस्क्यू सेन्टर के निर्माण का इंतजार लम्बा होता जा रहा है।
क्यों लैप्स हुआ बजट

राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2012-13 के बजट में कुरजां के पड़ाव स्थल खीचन में पक्षियों के उपचार के लिए बर्ड रेस्क्यू सेंटर स्थापित करने की घोषणा की गई थी तथा विभाग को करीब 5 लाख का बजट भी उपलब्ध करवाया गया था। यह रेस्क्यू सेंटर खीचन स्थित वन विभाग की नर्सरी में बनना था, लेकिन यह भूमि वन विभाग को आवंटित नहीं होने के कारण दो बार स्वीकृत बजट लैप्स हो गया था। जिससे अब तक यहां बर्ड रेस्क्यू सेंटर का निर्माण नहीं हो सका।
जमीन तो मिली, लेकिन बजट का है इंतजार

इस संबंध में राजस्थान पत्रिका द्वारा 27 अगस्त 2016 को मुद्दा उठाया गया तो हरकत में आए जिला प्रशासन ने जनवरी 2017 में बर्ड रेस्क्यू सेंटर के लिए भूमि आवंटित कर दी थी। इसमें खीचन में सरकारी विभागों के लिए आवंटित भूमि में से बर्ड रेस्क्यू सेंटर व वन पौधशाला के लिए खसरा नं. 243 व 182 से 2-2 बीघा भूमि आवंटित रेकर्ड में दर्ज करने के आदेश जारी किए थे। अब बर्ड रेस्क्यू सेंटर के लिए जमीन तो मिल गई है, लेकिन बजट लैप्स होने के बाद अब वापस नहीं मिला है।
इन्होंने कहा

– खीचन में बर्ड रेस्क्यू सेंटर के लिए पहले जमीन नहीं होने से स्वीकृत बजट दो बार लैप्स हो गया था। अब खीचन में वन्यजीव विभाग की नई रेंज बना दी गई है। प्रादेशिक वन मण्डल के पास बर्ड रेस्क्यू सेंटर को बजट नहीं आया है।
नरेन्द्र सिंह शेखावत, सहायक वन संरक्षक, फलोदी

– शीतकालीन प्रवास पर हजारों की तादाद में आने वाले डेमोसाइल क्रैन के लिए उनके पड़ाव स्थल खीचन में बर्ड रेस्क्यू सेंटर की अत्यधिक आवश्यकता है। अब जमीन उपलब्ध है, तो रेस्क्यू सेंटर निर्माण के लिए बजट की स्वीकृति मिलनी चाहिए।
सेवाराम माली, पक्षी प्रेमी, खीचन (फलोदी)

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