
जोधपुर। राज्य पशु ऊंट की संख्या लगातार कम होने के बीच इसके संरक्षण के प्रयासों के तेज होने के साथ इसके दूध से बनने वाले प्रोडक्ट अब उपभोक्ताओं को पसंद आने लगे हैं। राज्य के विभिन्न स्थानों के साथ जोधपुर में भी ऊंटनी के दूध से विभिन्न प्रोडक्ट बनाए जा रहे है जिनमें बिस्किट, चॉकलेट, शेक और आइसक्रीम के साथ साबुन तक शामिल हैं। यह सभी प्रोडक्ट स्थानीय उपभोक्ताओं को खासे पसंद आ रहे हैं।
मेमोरी पावर बढ़ाने के साथ त्वचा को निखार रहा है
दूध में विटामिन, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन व अन्य खनिज तत्व होते है। जिससे शरीर में इम्युनिटी बढ़ने के साथ हड्डियां भी मजबूत होती हैं। यह कैंसर, डायबिटीज, टीबी, हृदय रोग, ब्लड शुगर जैसी अनेक बीमारियों के खतरे को भी कम करता है। ऊंटनी का दूध खून की कमी दूर करने के साथ मेमोरी पावर भी बढ़ाता है। साथ ही इसमें हाइड्रोक्सिल अम्ल पाया जाता है जो त्वचा को निखारने में मदद करता है।
दूध के अलावा साबुन व बिस्किट की मांग बढ़ी
शहर में ऊंटनी का दूध के अलावा आइसक्रीम, बिस्किट, चॉकलेट, शेक, साबुन जैसे दिनचर्या के सामान बन रहे है। इन प्रोडक्ट से ऊंट पालकों को फायदा होने लगा है। शहर में हर माह करीब 800 लीटर ऊंटनी का दूध की खपत हो रही है जिसे बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
हम कोशिश कर रहे है ऊंट पालकों के साथ लोगों को भी समझ आए कि ऊंट हमारे लिए कितने महत्वपूर्ण है। विभिन्न प्रोडेक्ट बनने से ऊंट पालकों को फायदा हो रहा व अब वे जागरूक हो रहे है। ऊंटनी के दूध में विटामिन के साथ अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते है। जागरुकता बढ़ने से लोगों को ये प्रोडेक्ट पसंद आ रहे है।
जालूराम जांगिड़, केमल मिल्क डेयरी संचालक
Published on:
23 Jun 2023 04:21 pm
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