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भाजपा को बगावत का डर, कई पुराने कार्यकर्ता टिकट नहीं मिलने से नाराज

locationजोधपुरPublished: Oct 18, 2020 11:17:18 pm

Submitted by:

Avinash Kewaliya

एक धड़े की नाराजगी पड़ सकती है भारी

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उत्तर प्रदेश की सात विधानसभा सीटों पर तीन नवंबर को मतदान होना है।

जोधपुर. भारतीय जनता पार्टी ने 155 सीटों पर उम्मीदवार उतार तो दिए लेकिन अब बगावत का डर सता रहा है। 25 से 30 ऐसे वार्ड हैं जिनमें बगावत खुल कर सामने आ सकती है। हालांकि डेमेज कंट्रोल के लिए फ्रंट लाइन को आगे किया गया है। लेकिन इसमें कितनी सफलता मिलती है यह नामांकन और नाम वापसी के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। फिलहाल भाजपा में एक धड़े के लोगों के चहेतों के नाम भी नजर अंदाज करने की बात सामने आई है।
भाजपा का मुस्लिम महिला कार्ड

इस बार सूची में 155 में से 17 मुस्लिम टिकट वितरण किए गए हैं। इनमें भी 7 महिलाएं हैं। यानि अल्पसंख्यकों में महिला नेतृत्व को आगे लाने और कांग्रेस का परम्परागत वोट बैंक ध्वस्त करने की प्लानिंग की है। लेकिन इससे भाजपा का परम्परागत वोट बैंक खिसक सकता है। क्योंकि अधिकांश मुस्लिम महिलाओं को सामान्य महिला वार्ड से उतारा गया है, ऐसे में जो नेता व महिला नेता वहां से तैयारी कर रहे थे उनमें असंतोष है।
30 से ज्यादा वार्ड में बगावत का खतरा
30 से ज्यादा वार्ड में भाजपा के प्रत्याशियों के खिलाफ असंतोष सामने आया है। फ्रंट लाइन के करीब 5 से 7 नेताओं, मंडल अध्यक्षों को टारगेट दिया गया है कि वे डेमेज कंट्रोल शुरू कर दे। अव्वल तो उनको फॉर्म भरने से रोकने का टारगेट है और यदि बगावत होती है तो नाम वापसी के लिए भी मनोव्व्ल की जाएगी।
एक धड़ा पूरा नजर अंदाज

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से जुड़े नेताओं के धड़े को नजर अंदाज करने की बात भी सामने आई है। कोर कमेटी में उस गुट के नेताओं को शामिल किया, लेकिन बैठकों में नहीं बुलाया। विरोध यह भी उन नेताओं के दिए गए नामों को भी सूची में स्थान नहीं मिला। एक पूर्व नेता के रिश्तेदार को अब तक टिकट नहीं दिया है, ऐसे में चर्चा है कि उन्होंने लिखकर भी रोष जताया है।
इनका कहना…
बगावत जैसी कोई बात नहीं है। एक वार्ड से तीन से चार लोग टिकट मांगते हैं, लेकिन सभी को मौका नहीं मिल सकता। एक बार आक्रोश होता है, लेकिन हम सभी कार्यकर्ताओं के साथ बात कर रहे हैं। हमारा उम्मीदवार कमल का फूल है और उसे जिताने का प्रयास करेंगे। किसी दूसरे धड़े के नाराज होने की जानकारी मुझे नहीं है।
– राजेन्द्र गहलोत, नगर निगम चुनाव समन्वयक और राज्यसभा सांसद

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