
जोधपुर। रामदेवरा से गाजे-बाजे के साथ शुरू हुई भाजपा की परिवर्तन संकल्प यात्रा का समापन जोधपुर के गांधी मैदान में काफी ‘ठंडे’ अंदाज में हुआ। पांच हजार की क्षमता के गांधी मैदान में लगी करीब तीन हजार कुर्सियों में से आधी खाली नजर आई। इससे भाजपा शहर संगठन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। साथ ही उन दावेदारों पर भी जो इस बार विधानसभा चुनाव में टिकटों के दावेदार हैं। सूत्रों के अनुसार इस बारे में सारी जानकारी से भाजपा के प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व को भी अवगत कराया गया है। यात्रा जब शहर में दाखिल होकर सभा स्थल गांधी मैदान पहुंची तब भाजपा कार्यकर्ताओं और टिकट के दावेदारों ने अपने-अपने अंदाज में शहर के विभिन्न चौराहों पर यात्रा का स्वागत किया। वहां भी कोई विशेष भीड़ नजर नहीं आई। सभा स्थल पर भाजपा शहर संगठन भीड़ जुटाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुआ। इससे भाजपा जिला संगठन पर सवालिया निशान लग गया है।
संकल्प यात्रा में सबसे छोटी सभाओं में से एक
पुराने कार्यकर्ताओं के अनुसार भाजपा की अब तक हुई विभिन्न सभाओं में से परिवर्तन संकल्प यात्रा की समापन पर हुई सभा सबसे छोटी सभाओं में से एक है। कार्यकर्ताओं ने बताया कि समापन में उम्मीद के अनुरूप भीड़ नहीं आई। इस बारे में भाजपा के जिला संगठन को मंथन करने की आवश्यता है। भाजपा शहर जिलाध्यक्ष देवेंद्र सालेचा भी निशाने पर हैं। वे यात्रा के लिए भीड़ का मैनेजमेंट करने में असफल रहे। पूरा संगठन, भाजपा के आला नेता मिलकर भी भाजपा कार्यकर्ताओं की भीड़ नहीं जुटा पाए। कई कार्यकर्ताओं ने दबी जुबान में कहा कि सालेचा को सिर्फ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र ङ्क्षसह शेखावत के करीबी होने का फायदा मिला और उन्हें जिलाध्यक्ष का पद सौंपा गया। उनका जमीन से कोई रिश्ता नहीं है।
दावेदारों का भी नहीं दिखा खास असर
चुनावी वर्ष में आई परिवर्तन यात्रा में भीड़ जुटाने के लिए तीनों विधानसभाओं से टिकट के दावेदारों का असर भी नजर नहीं आया। तीनों विधानसभाओं से पांच मजबूत दावेदार भी अपने साथ 200 कार्यकर्ताओं को नहीं लेकर आ सके। हर दावेदार अपने साथ 200 कार्यकर्ता लेकर आते तो तीनों विधानसभा से ही करीब 3000 कार्यकर्ता सभास्थल में मौजूद होते। जबकि कई टिकट के दावेदारों ने यात्रा के तहत होने वाली सभा के लिए कई बैठकें भी ली थी।
Published on:
23 Sept 2023 10:18 am
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