कर्नल धर्मवीर का जन्म 20 अगस्त 1945 को लुधियाना जिले के घुदानी कलां गांव में हुआ था। उन्हें जून 1969 में पंजाब रेजीमेंट में कमीशन मिला था। धर्मवीर ने 1971 के युद्ध में लौंगेवाला की प्रसिद्ध लड़ाई लड़ी। सामने से नेतृत्व करते हुए उन्होंने नेतृत्व क्षमता, समझदारी, बहादुरी और कठिन साहस के दम पर सेना के लिए एक उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया। पाकिस्तान सेना व टैंकों के छक्के छुड़ा दिए। इसके लिए उन्हें मेंशन-इन-डिस्पैच से सम्मानित किया गया था।
धर्मवीर मई 1992 से दिसंबर 1994 तक 23-पंजाब की कमान संभाली। वे 1997 में सेवानिवृत्त हुए। कर्नल धर्मवीर को युवा पीढ़ी एक बेहद बहादुर सैनिक, एक प्रतिष्ठित योद्धा और एक प्रेरणा के रूप में देखती है। उनके परिवार में उनके बेटे लेफ्टिनेंट कर्नल गौरव भाखरी और विशाल भाखरी है।
गौरतलब है कि लोंगेवाला की लड़ाई में भारतीय सेना ने पाकिस्तान टैंकों पर भी कब्जा कर लिया था। ऐसा ही एक टैंक जोधपुर में कलक्ट्रेट के सामने स्थित महावीर उद्यान में दर्शकों के लिए रखा हुआ है। गौरतलब है कि लोंगेवाला की मुख्य लड़ाई तत्कालीन मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी के नेतृत्व में लड़ी गई थी।चांदपुरी के नेतृत्व में 120 सैनिकों की कम्पनी ने पाकिस्तान की टैंक ब्रिगेड के छक्के छुड़ा दिए। वायुसेना की मदद से पूरी टैंक ब्रिगेड को नेस्तानाबूद कर दिया। चांदपुरी बाद में ब्रिगेडियर रैंक तक पहुंचे। उनका 2018 में निधन हुआ।