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दुल्हा-दुल्हन के श्रृंगार कारोबार को लगेंगे पंख

locationजोधपुरPublished: Sep 19, 2021 10:04:15 pm

Submitted by:

Amit Dave

– व्यापारियों को आगामी शादियों की सीजन से बंधी व्यापार की आस- कोरोना के कारण वैवाहिक आयोजन नहीं होने से ठप पड़ा था व्यापार

दुल्हा-दुल्हन के श्रृंगार कारोबार को लगेंगे पंख

दुल्हा-दुल्हन के श्रृंगार कारोबार को लगेंगे पंख


जोधपुर।
कोरोना महामारी के कारण करीब दो वर्षो से शादी-विवाह आयोजनों पर ब्रेक लगा हुआ है। अब धीरे-धीरे स्थितियां सामान्य होने लगी है, ऐसे में वैवाहिक आयोजन शुरू होंगे और इस आयोजन से जुड़े अनेक छोटे-बड़े उद्योग-धंधें शुरू होंगे। वहीं, सबसे मुख्य दुल्हा-दुल्हन के श्रृंगार, वैवाहिक आयोजन सामग्री आदि के व्यापार को भी पंख लगेंगे। धनतेरस-दीपावली के बाद शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा।

वैवाहिक सेट में यह सामग्री होती है
दुल्हा-दुल्हन के विवाह की हर रस्म अलग-अलग होती है, जिनका अलग महत्व होता है। जिसमें कांकण डोरा, मॉड, तुर्रा, सरपेंच, तिलक, कमरपट्टा गठजोड़ा, हार, तणी-तोरण, थाम्ब पाटिया सेट, सुहाग पैकेट आदि कई आयटम्स होते है। जो फेरों के समय आवश्यक होते है।

घरेलू उद्योग, कोरोना की पड़ी मार
वैवाहिक रस्मों की यह सामग्रियां अधिकांशत घरों में विशेष समुदाय की महिलाएं तैयार करती है। जो अपने तैयार माल को शहर के होलसेलर विक्रेताओं को बेचती है। गत दो वर्षो से कोरोना के कारण व्यापार नहीं हुआ, ऐसे में घरों में काम करने वाली महिलओं की रोजी-रोटी प्रभावित हुई। शहर में 8-10 बड़े होलसेलर विक्रेता है, जिनके यहां से जिले भर के लोग खरीदारी करते है।
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राखी का व्यापार ज्यादा नहीं हुआ, अब शादियों से उम्मीद
व्यापारी बताते है कि पिछले दो साल से रक्षाबंधन के अवसर पर राखियां बनाने का भी ज्यादा काम नहीं हुआ। हर बार की तरह रक्षाबंधन का त्योहार निकलने के बाद घरेलू काम करने वाले कारीगर वैवाहिक सामग्री बनाने में जुट जाते है। पिछले दो साल से यह काम ठप पड़ा है। अब धीरे-धीरे काम शुरू हुआ है और शादियों की सीजन से उम्मीद बंधी है।

हमारा व्यापार पूरी तरह वैवाहिक आयोजनों पर टिका हुआ है। यह आयटम्स केवल वैवाहिक रस्मों के निर्वाह के वक्त ही काम में लिए जाते है। इस बार शादियों की सीजन से कारोबार चलने की उम्मीद है।
कपिल जैन, व्यापारी

दो साल से व्यापार पर ब्रेक लगा हुआ है। अब भी व्यापार पटरी पर नहीं है। ग्राहकी नहीं है। श्राद्ध में व्यापार होना नहीं। नवरात्रि, दीपावली के समय लोग वैवाहिक सामग्री खरीद शुरू करते है।
विनोद लखारा, व्यापारी

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