
जोधपुर। शहर में कैब संचालकों की ओर से मनमाना किराया वसूलने के मामलों के बाद लोगों में कैब के प्रति रुझान कम हो गया है। कुछ समय पहले शहरवासियों में कैब का क्रेज बढ़ा था, लेकिन धीरे-धीरे लोग अब इससे किनारा करने लगे हैं। नतीजतन शहर से कैब कम होती जा रही है। स्थिति यह है कि शहर में कुछ ही निजी कैब हैं। उनकी ओर से भी मनमाना किराया वसूलने की वजह से शहरवासी परेशान हैं। कई बार अन्य ट्रांसपोर्ट सुविधा नहीं मिलने से मजबूरी में लोगों को ज्यादा किराया देकर कैब राइड करनी पड़ती है।
निजी कैब कंपनियों के लुभावने प्रलोभन क्यों
कैब चालकों का कहना है कि निजी कैब कंपनी एक राइड का जो पेमेंट अदा करती हैं, वह कम होता हैं। कई बार पेमेंट से अधिक पेट्रोल-डीजल लग जाता है। ऐसे में वे अपना नुकसान करके किसी सवारी को नहीं ले जा सकते। ऐसे में सवाल यह है कि जब किराया कम होने से चालकों को नुकसान होता है तो निजी कैब कंपनियां कैब की सवारी के अलग-अलग लुभावने प्रलोभन क्यों देती हैं।
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मनमाना किराया नहीं तो राइड कैंसिल
कैब बुक करने पर जो किराया आता हैं, वह चालकों को कम लगता है। कैब चालक कैब बुक करने के बाद फोन करके अपना मनमाना किराया देने को बोलते हैं। सवारी के मना करने पर वे कैब कैंसिल कर देने का बोलकर फोन रख देते हैं, जिससे जरूरत के समय लोगों को कैब की सुविधा नहीं मिलती। बाइक, ऑटो या कार कैब सभी में यह समस्या आम है।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं होने से रात के समय समस्या
भीतरी शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं होने से शहरवासियों के लिए यह समस्या आम है। कई बार कैब चालक शहर में आने से मना कर देते है, जिससे समस्या बढ़ जाती है। शहरवासियों का कहना है कि रात के समय जब पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा नहीं होती है तब कैब चालकों की मनमानी और बढ़ जाती हैं। कैब के अलावा दूसरी सुविधा नहीं मिलने पर मजबूरी में कैब बुक करके उन्हें उनका मनमाना किराया देना पड़ता हैं।
ज्यादा किराया वसूलने की शिकायत मिलने पर कैब चालक पर कार्यवाही का प्रावधान है। साथ ही, ज्यादा शिकायत मिलने पर लाइसेंस सस्पेंशन की कार्यवाही भी की जा सकती है।
- गणपत पुनड़, जिला परिवहन अधिकारी, जोधपुर
Published on:
03 Jul 2023 03:50 pm
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