
युवराज व अनन्या का अंतिम संस्कार शनिवार सुबह उनके पैतृक गांव में किया गया। सेतरावा के समीप जोधपुर जिले की शेरगढ़ तहसील के देवराजगढ़ व पदमगढ़ ( सोलंकियातला) गांवों में जब छात्र-छात्रा के शव पहुंचे तो ढाणियों में चीख-पुकार मच गई। सवेरे करीब 8.30 बजे युवराज (13) का शव देवराजगढ़ व अनन्या (11) का शव पदमगढ़ गांव ले जाया गया। पार्थिव देह पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया। वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गईं। परिवारजन का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था। शुक्रवार शाम को हादसे की जानकारी मिलने के बाद क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई। मृतकों की ढ़ाणियों में इस दुखद खबर से हर कोई स्तब्ध था। कई घरों में चूल्हें तक नहीं जलें।
युवराज के दादा रिड़मलसिंह व दादी सायरकंवर को इस हादसे की जानकारी नहीं थी, वे इस बात से अनजान थे कि उनका पौत्र युवराज अब इस दुनिया में नहीं रहा। शव पहुंचने के कुछ समय पहले ही उन्हें जानकारी दी गई। बूढ़ी आंखों अपने पौते का शव देखकर स्तब्ध रह गईं। माता डूंगरकंवर घटना के बाद से ही बेसुध है। शनिवार को भी उन्हें दो बार चिकित्सक के पास ले जाना पड़ा। वहीं, दूसरी ओर पदमगढ़ में अनन्या के दादा-दादी को भी नहीं पता था कि उनकी प्यारी पोती अनन्या अब इस दुनिया में नहीं रही। दादा देवीसिंह ( 85) व दादी मोहनकंवर (75) को भी घटना की जानकारी पौती का शव घर पहुंचने के कुछ समय पूर्व ही दी गई। अपने आंगन में पौती का शव देखकर खुद को संभालना मुश्किल हो रहा था। माता हेमाकंवर की तबीयत बार-बार खराब हो जाने पर सेतरावा में चिकित्सक को दिखाया गया।
गांवों में गम का माहौल
देवराजगढ़ स्थित घर से युवराज की अंतिम संस्कार यात्रा रवाना हुई। सुवालिया गांव के श्मसान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। नम आंखों से अंतिम विदाई दी। वहीं अनन्या के पेतृक घर पदमगढ़ से उसकी अंतिम संस्कार यात्रा सोलंकियातला गांव पहुंची, जहां पर अंतिम विदाई दी गई। सोंलकियातला, पदमगढ़, देवराजगढ़, बापूनगर, सेतरावा व सुवालिया आदि गांवों में इस हादसे की जानकारी मिलने के बाद गम का माहौल है।
Published on:
21 Jan 2024 08:21 am
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