
जोधपुर के बावड़ी में करीब पच्चीस सालों से बंद पांच सौ फीट गहरी ट्यूबवेल से अचानक ज्वलनशील गैस निकलने की घटना के बाद भू-जल विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर मुआयना किया। भू-जल वैज्ञानिक सौरभ ओझा ने बताया कि यह एक नेचुरल प्रोसेस ही है।
उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया ट्यूबवेल से निकली गैस मिथेन गैस ही लगती हैं। कितनी बनी हैं, कैसे बनी हैं इसकी तो पूरी जानकारी जांच के बाद ही पता लग पाएगी। किसान अन्नाराम ने बताया की दो दिन पहले बंद ट्यूबवेल को चालू कर साफ करने के बाद पम्प डाला गया तो करीब एक घंटे चलने पर पानी के साथ गैस की गंध आने पर ट्यूबवेल को बंद कर दिया गया।
ट्यूबवेल में से पंप सेट निकालने के बाद गंध जारी रहने पर माचिस से तिली निकाल कर जलाया गया तो गैस जलने लगी। ट्यूबवेल से गैस निकलने की खबर के दूसरे दिन भी लोगों की भीड़ किसान के खेत में पहुंची। उपखंड अधिकारी जवाहरराम चौधरी ने बताया उच्च अधिकारियों के निर्देश के बाद भूजल विभाग की टीम बावड़ी पहुंची। अब पेट्रोलियम विभाग बताएगा कि गैस किस प्रकृति की है। पूरी जानकारी मामले की जांच के बाद ही सामने आएगी।
खेड़ापा एसएचओ लाखाराम चौधरी ने खेत मालिक को ट्यूबवेल के पास किसी को भी नहीं जाने देने व सावधानी बरतने की हिदायत दी है। फिलहाल ट्यूबवेल को पूरी तरह से सुरक्षित ढंक कर बंद कर दिया गया हैं। बावड़ी में बंद ट्यूबवेल से गैस निकलने की खबर आसपास के ग्रामीणों में भी चर्चा का विषय बनी रही।
ऑयल इण्डिया व एमबीएम केमिकल विभाग के एचओडी ने मौका मुआयना किया। ऑयल इण्डिया के आदर्श श्रीवास्तव ने ट्यूबवेल के पानी का सैंपल एकत्र किया। एमबीएम के केमिकल विभाग के एचओड़ी सुशील सारस्वत ने मौका स्थल का अवलोकन कर कहा कि शुरुआती जांच में कुछ कह नहीं सकते हैं।
Published on:
01 Jan 2025 09:21 am
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