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सावधान! साइलेंट हार्ट अटैक के बढ़ें मरीज, पिछले 15 दिनों में 21 में से 11 की मौत, दिल की बीमारी निकला कारण

Jodhpur News: साइलेंट हार्ट अटैक में पारंपरिक लक्षण जैसे सीने में तेज दर्द, पसीना आना या सांस लेने में तकलीफ नहीं होती, जिससे लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं।

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Silent Heart Attack Cases Increased: फलोदी शहर में बीते एक पखवाड़े में साइलेंट हार्ट अटैक से हुई कई असामयिक मौतों ने लोगों को झकझोर कर रख दिया। तेजी से बदलती जीवनशैली, मानसिक तनाव और अस्वस्थ खानपान के कारण दिल की बीमारियां बढ़ रही हैं, लेकिन चिकित्सा सुविधाओं की कमी इस संकट को और गहरा कर रही है। शहर में एक भी कार्डियोलॉजिस्ट उपलब्ध न होने के कारण मरीजों को 150 किलोमीटर दूर बड़े अस्पतालों तक ले जाना पड़ता है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह सफर पूरा नहीं हो पाता और बीच रास्ते में ही जीवन की डोर टूट जाती है।

साइलेंट अटैक- जब दिल बिना संकेत दिए धोखा दे जाता है

विशेषज्ञों के अनुसार, साइलेंट हार्ट अटैक में पारंपरिक लक्षण जैसे सीने में तेज दर्द, पसीना आना या सांस लेने में तकलीफ नहीं होती, जिससे लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। यह ज्यादातर उन लोगों को प्रभावित करता है, जो तनावग्रस्त रहते हैं या पहले से मधुमेह व उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों से पीड़ित होते हैं।

क्या है समाधान

शहर में कार्डियोलॉजी सुविधाओं की स्थापना से हृद्य संबंधी बीमारी से तुरंत छोटे छोटे शहरों में भी हृदय रोग विशेषज्ञों की सुविधा मिल सकती है। वहीं टेलीमेडिसिन और एबुलेंस सेवा से दूरस्थ इलाकों में तत्काल सहायता मिलने से काफी राहत होगी।


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अचानक से बढ़े है आंकड़े

अचानक से मौतों के आंकड़ों गत एक पखवाड़े में बढ़ोतरी हुई है। जो चिन्ता का विषय है। प्रतिदिन अचानक से मौत होने के 21 मामले सामने आए है। जिसमें से 11 की मौत हो गई। अस्पताल में औसतन दो मौतों के मामले पहुंच रहे है, जिनमें अधिकतर कम उम्र के लोग है।

  • डॉ. प्रेम कुमार सुथार, प्रभारी, जिला अस्पताल, फलोदी

जिला अस्पताल में हुई मौतें

11 मौत हुई जिला अस्पताल में गत 15 दिनों में

07 मौत अचानक से दिल की धड़कनें रुकने के कारण हुई

1 मौत हुई दुर्घटना के कारण

2 मौत दीर्घकालीन बीमारी से

1 मौत नवजात शिशु की

7 से अधिक लोगों का सरकारी अस्पताल पहुंचने से पहले ही हुआ निधन

इलाज के अभाव में बढ़ रही मौतें

शहर में कार्डियोलॉजिस्ट न होने से स्थिति और गंभीर हो गई है। हृदय रोग से जुड़े मामलों में ‘गोल्डन ऑवर’ यानी पहले 60 मिनट बेहद अहम होते हैं, लेकिन सही उपचार न मिलने से कई मरीज बीच रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। गत एक पखवाड़े में अचानक से मौतें होने का सिलसिला बढ़ा है। जिसमें जिला अस्पताल में प्रतिदिन दो से तीन लोग ऐसे आ रहे है, जिनकी अचानक से साइलेंट अटैक आने और हृदय में क्लॉट आने से मौत हुई है। इस तरह के हालात अब से पहले कभी नहीं थे।

चिकित्सकों की हो रही नियुक्तियां

गत सरकार में चिकित्सक ही नहीं थे। जिला मुयालय सहित अन्य क्षेत्रों में चिकित्सकों की रेकॉर्ड नियुक्तियां की गई है। चिकित्सा मंत्री जिले की चिकित्सा व्यवस्था को अच्छा बनाने में लगे हुए है। जल्द ही जिला मुयालय पर भी हृद्य रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति की जाएगी

  • नरपतसिंह रिडमलसर, भाजपा नेता, फलोदी जिला

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कॉर्डियोलोजिस्ट का होना आवश्यक

कोविड के बाद से यहां हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे है। गत एक पखवाड़े से मौतों का सिलसिला बढ़ा है। जनजीवन को बचाने के लिए हृदयरोग विशेषज्ञ की आवश्यकता है। फलोदी से जोधपुर की दूरी को देखते हुए यहां कॉर्डियोलोजिस्ट चिकित्सक का पद सृजित कर प्राथमिकता से नियुक्ति देनी चाहिए।

  • प्रकाश छंगाणी, कांग्रेस नेता

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