
Gangster Lovely Kandara Encounter: राजस्थान के जोधपुर के बहुचर्चित नवीन उर्फ लवली कंडारा एनकाउंटर मामला एक बार फिर चर्चाओं में आ चुका है। अब इस मामले की जांच सीबीआई करेगी। इस संबंध में सीबीआई ने केस दर्ज कर दिल्ली स्पेशल पुलिस के डिप्टी एसपी मोहिन्दर सिंह को इसकी जांच सौंपी है। दरअसल परिजनों ने इस एनकाउंटर को मर्डर बताकर सीबीआई जांच की मांग की थी।
इस मामले में रातानाडा थाने के तत्कालीन एसएचओ लीलाराम, कांस्टेबल किशन सिंह, जितेन्द्र सिंह, अंकित और विशाल को आरोपी बनाया गया था। इन्हीं लोगों के खिलाफ नरेश कंडारा ने कोर्ट के माध्यम से रातानाडा थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था। ऐसे में मामले को अब सीबीआई ने अपने हाथ में ले लिया है।
गौरतलब है कि अक्टूबर 2021 में लवली कंडारा की एनकाउंटर में मौत हो गई थी। एनकाउंटर के खिलाफ आक्रोश को देखते हुए तत्कालीन राज्य सरकार ने केंद्र को सीबीआई जांच के लिए मामला रेफर किया था, लेकिन केंद्र ने 27 अप्रेल 2022 को मामला सीबीआई जांच के लायक नहीं माना था।
इस मामले में सीआईडी सीबी ने जांच पूरी की थी। एनकाउंटर के तत्काल बाद निलंबित किए रातानाडा के तत्कालीन थानाधिकारी लीलाराम और तीन कांस्टेबलों को पुलिस ने विभागीय जांच में क्लीन चिट देकर बहाल कर दिया गया था।
आपको बता दें कि अक्टूबर 2021 में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया नवीन उर्फ लवली कंडारा जोधपुर के नागौरी गेट थाने का हिस्ट्रीशीटर था। उसके खिलाफ विभिन्न थानों में गंभीर प्रकृति के 11 मामले दर्ज थे। हादसे के दिन रातानाडा थाना पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि लवली कंडारा हाईकोर्ट कॉलोनी के पास एक एक्सयूवी कार में अपने बदमाश साथियों के साथ घूम रहा है।
इस सूचना पर तत्कालीन एसएचओ लीलाराम पुलिस जाब्ते के साथ उसके पकड़ने के लिए गए थे। वहां लवली कंडारा ने पुलिस को देखकर भागने की कोशिश की। पुलिस ने उसका पीछा किया। एसयूवी वाहन में बैठे हिस्ट्रीशीटर ने पीछा कर रहे थानाधिकारी और पुलिसकर्मियों को जान से मारने की नियत से उन पर फायर किए थे।
पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई में फायर किए। बाद में पुलिस और बदमाशों के बीच हुई फायरिंग में एक गोली लवली कंडारा के पेट में लग गई, जिससे उसकी मौत हो गई थी।
बता दें कि इस मामले में रातानाडा थाने में तत्कालीन थानाधिकारी लीलाराम व अन्य के खिलाफ हत्या व साक्ष्य मिटाने की एफआइआर भी दर्ज हुई थी। कोर्ट में इस्तगासा पेश होने के 17 महीने बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था। परिजनों ने हत्या व साक्ष्य मिटाने का आरोप लगाकर कोर्ट में इस्तगासा पेश किया था।
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सुनवाई के बाद इस्तगासे के आधार पर एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिए गए थे, लेकिन पुलिस ने एफआइआर दर्ज नहीं की। 17 महीने बाद पुलिस ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या व साक्ष्य मिटाने का मामला दर्ज किया था। कोर्ट ने दो दिसम्बर 2021 को पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के आदेश देकर इस्तगासा रातानाडा थाने भेजा था, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया था।
परिवादी नरेश कण्डारा ने तत्कालीन थानाधिकारी मूलसिंह व भारत रावत के खिलाफ आदेशों की अवज्ञा करने के संबंध में कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश किया था। इस पर दोनों तत्कालीन थानाधिकारियों के खिलाफ कोर्ट ने प्रसंज्ञान लिया था।
Updated on:
11 Jan 2025 11:51 am
Published on:
11 Jan 2025 11:32 am
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