RAILWAY—-जोधपुर मंडल के स्टेशनों से रेल सुविधाएं छीनती केन्द्र सरकार !
जोधपुरPublished: Nov 22, 2021 05:38:49 pm
– खामियाजा भुगत रहे यात्री- उत्तर पश्चिम रेलवे में पांच साल में दिए थे 82 नए ठहराव- पिछले एक वर्ष में वापस लिए 108 स्टेशनों से ठहराव
RAILWAY—-जोधपुर मंडल के स्टेशनों से रेल सुविधाएं छीनती केन्द्र सरकार !
जोधपुर।
जोधपुर मण्डल में रेल सुविधाएं बढ़ाने के बजाए वर्तमान मोदी सरकार लगातार रेल सुविधाएं कम कर रही है। मण्डल के स्टेशनों पर ट्रेनों के नए ठहराव देने की बजाए पिछले एक साल में उनसे ठहराव वापस लिए गए। वर्तमान केन्द्र सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में सांसदों की अनुशंसा पर उत्तर पश्चिम रेलवे के 82 स्टेशनों पर नए ठहराव दिए थे, वही सिर्फ जोधपुर मण्डल में कोरोना काल में कम यात्रीभार का हवाला देते हुए 2020 में 108 स्टेशनों से ठहराव वापस ले लिए गए यह खुलासा हम नहीं बल्कि रेलवे खुद सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत आरटीआई कार्यकर्ता डीडी माहेश्वरी के मांगी गई सूचना के जवाब में किया है। । इसका खामियाजा जोधपुर मण्डल क्षेत्राधिकार में आने वाले स्टेशनों के लाखों यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है।
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अकेले लूणी से छीने 16 ट्रेनों के ठहराव
केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत के संसदीय क्षेत्र जोधपुर के लूणी रेलवे स्टेशन सुविधाएं छीनने के मामले में पहले स्थान पर रहा। लूणी रेलवे स्टेशन से सर्वाधिक सोलह ट्रेनों के ठहराव वापस ले लिए गए लेकिन मंत्रीजी संसदीय क्षेत्र के लोगों को राहत नहीं दिला पाए।
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जोधपुर-अबोहर पैसेन्जर ट्रेन को एक्सप्रेस कर हटाए 16 ठहराव
जोधपुर-अबोहर पैसेन्जर ट्रेन को एक्सप्रेस का दर्जा देकर नागौर जिले के आठ स्टेशनों सहित जोधपुर मण्डल के कुल 16 स्टेशनों से ठहराव हटा दिए गए। वहीं जोधपुर-भोपाल को भी पूर्व में एक्सप्रेस का दर्जा दिया गया था इस ट्रेन के भी नागौर जिले से नौ ठहराव सहित जोधपुर मण्डल के कुल 15 स्टेशनों से ठहराव वापस ले लिए गए।
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राजसमंद लोकसभा क्षेत्र के गोटन से छीने 6 ठहराव
सुविधाएं छीनने के मामले में गोटन जोधपुर मण्डल में दूसरे स्थान पर रहा। राजसमंद सांसद दियाकुमारी के लोकसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले नागौर जिले के गोटन रेलवे स्टेशन से छह ट्रेनों के ठहराव वापस ले लिए गए जबकि गोटन रेलवे स्टेशन पर लगातार जोधपुर-दिल्ली सराय व सालासर एक्सप्रेस ठहराव की मांग लगातार की जा रही थी लेकिन नए ठहराव देने की बजाए छह ट्रेनों के ठहराव वापस ले लिए गए ।
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