प्रधानमंत्री मोदी ने अप्रेल माह के आखिरी सोमवार को अपने मन की बात कार्यक्रम में जल संरक्षण विषय पर विचार व्यक्त किए थे। इसमें उन्होंने देश की जल परंपरा और यहां के प्राचीन जल संरक्षण से जुड़ी बावडिय़ों आदि स्रोतों का जिक्र किया। अपने मन की बात में उन्होंने जोधपुर की चांद बावड़ी के बारे में भी बताया था। उन्होंने इस के बारे में कहा कि यदि जोधपुर जाएं तो इस बावड़ी को जरूर देखें। सूर्यनगरी के भीतरी शहर स्थित चांद बावड़ी में राणीसर-पदमसर के ओटे के दौरान तालाब की शिराएं आती हैं। राणीसर के जूने ओटे के दौरान चांद बावड़ी स्वत: भर बाहर आ जाती है। इस जगह का पवित्र जल लोग जलाभिषेक के लिए भी काम में लिया करते थे, लेकिन यह बावड़ी उपेक्षा का शिकार है। इसमें शराब की बोतलें इत्यादि पड़ी रहने से कई भक्तों और ब्राह्मणों का मोह भंग हो रहा था। जबकि यह जगह लोगों की आस्था की प्रतीक है।