
गजेंद्र सिंह दहिया
चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) की खान कहे जाने वाले जोधपुर के सीए का डंका ब्रिटेन में भी बज रहा है। जोधपुर के सीए सर्वाधिक ब्रिटेन में नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग (केपीओ) कर रहे हैं। टॉप पर बुक किपिंग यानी एकाउंटेंसी सर्विस है, जो ब्रिटेन के लोग जोधपुर से ले रहे हैं यानी ब्रिटेन के व्यापारियों की खरीद, बिक्री सहित अन्य खर्चों का हिसाब-किताब जोधपुर में रखा जा रहा है। दूसरे नम्बर पर टैक्स संबंधी कंसल्टेंसी और तीसरे नम्बर पर निवेश संबंधी सेवाएं है।
ब्रिटेन के बाद सिंगापुर व मलेशिया जैसे देशों में जोधपुर के सीए केपीओ के जरिए काम कर रहे हैं। देश में सीए की नियामक संस्थान दी इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने सिंगापुर सरकार के साथ एक करार किया है, जिसके तहत अगर कोई भारतीय सीए छह महीने तक सिंगापुर में रह जाता है तो वहां की सीए नियामक संस्थान का वह सदस्य बन जाता है।
ब्रिटेन में कुशल कार्मिकों (स्किल्ड मेनफोर्स) की कमी है इसलिए वे भारतीय सीए की मदद ले रहे हैं। दूसरा ब्रिटेन के लोगों में अपना हिसाब-किताब स्थानीय लोगों से छिपाने की प्रवृति होती है। तीसरा भारतीय सीए नियामक आईसीएआई और ब्रिटेन की सीए नियामक संस्था के नियम और विनियम काफी मिलते-जुलते हैं।
केपीओ शुरू होने से जोधपुर के सीए का बड़े शहरों की ओर से माइग्रेशन रुक गया है। अब वे जोधपुर में ही काम करके सालाना 8 से 10 लाख रुपए का पैकेज कमा रहे हैं, जो मेट्रो शहरों के बराबर है। सर्वाधिक फायदा महिला सीए को हुआ है जो शादी के बाद सीए की प्रेक्टिस जारी नहीं रख पाती थी। अब केपीओ सर्विस होने से वे घर बैठे काम (वर्क फ्रॉम होम) कर लेती है।
जोधपुर में वर्तमान में 2452 रजिस्टर्ड सीए हैं, जिसमें से 100 से 125 सीए वर्तमान में केपीओ के जरिए दूसरे देशों को सेवाएं दे रहे हैं। जोधपुर में केपीओ के लिए वर्तमान में तीन बड़ी कम्पनियाें के दफ्तर भी है जहां आउटसोर्सिंग सेवाएं उपलब्ध है। यहां जोधपुर के सीए काम रहे हैं।
वर्तमान में केपीओ सर्विस में ब्रिटेन टॉप पर है। केपीओ सर्विस के कारण युवाओं का बड़े शहरों में माइग्रेशन रुका है।
अभिषेक सोनी, पूर्व अध्यक्ष, आईसीएआई जोधपुर चेप्टर
Updated on:
24 Oct 2024 09:29 am
Published on:
28 May 2024 08:44 am
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