script‘जोधपुर में कल नहाए खाए’ से होगा छठ पूजन का आगाज़ | Chhath Pujan will start with 'Tomorrow in Khade in Jodhpur' | Patrika News

‘जोधपुर में कल नहाए खाए’ से होगा छठ पूजन का आगाज़

locationजोधपुरPublished: Nov 17, 2020 08:58:15 pm

Submitted by:

Nandkishor Sharma

 
जलाशयों की जगह घरों के बाहर ही अस्थाई जलकुण्ड बनाकर सूर्य अर्घ्य देने की अपील

'जोधपुर में कल नहाए खाए' से होगा छठ पूजन का आगाज़

‘जोधपुर में कल नहाए खाए’ से होगा छठ पूजन का आगाज़

जोधपुर. सूर्योपासना से जुड़ा प्रमुख लोक आस्था के पर्व डाला छठ का आगाज बुधवार को घरों में ही ‘नहाए खाए’ की रस्म से होगा। जोधपुर में कुड़ी भगतासनी, एयरफोर्स, सैन्यक्षेत्र, मधुबन हाउसिंग बोर्ड में निवासरत बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, झारखंड व पूर्वोत्तर राज्यों के मूलवासियों में छठ पूजन को लेकर उत्साह है। गुरुवार को खरणा’ की रस्म होगी। तीसरे दिन 20 नवम्बर को छठ व्रती महिलाएं घरों के बाहर अस्थाई जलकुंड में छठ पूजन के लिए पारम्परिक मंगल गीत गाते हुए अस्ताचलगामी सूर्य को प्रथम अर्घ्य प्रदान करेंगी। सूर्यदेव का पूजन कर कंद-मूल, ऋतुफल, अदरक, ईख, आंवला, मूली व घरों में बना परम्परागत ठेकुआ प्रसाद चढ़ाकर परिवार में खुशहाली व समृद्धि की प्रार्थना की जाएगी। पर्व के अंतिम दिन 21 नवम्बर को उदित सूर्य को अर्घ्य देकर कठिन व्रत का पारणा किया जाएगा। अखिल भारतीय भोजपुरी समाज जोधपुर के उपाध्यक्ष विनोद कुमार प्रजापति ने कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इस बार जलाशयों के तट की बजाए समाज के लोगों व व्रती महिलाओं से घरों के बाहर ही अस्थाई जलकुण्ड बनाकर छठ पूजन का अर्घ्य देने की अपील की है।
पूजन में सभी प्रकृति प्रदत्त चीजों का प्रयोग
कठिन व्रत माने जाने वाले छठ महापूजन के दौरान सभी चीजे प्रकृति प्रदत्त प्रयुक्त की जाती है। इसमें विशेष तौर पर सभी तरह ऋतुफल, पुष्प, कंद-मूल, अदरक, ईख, आंवला, मूली व घरों में बना परम्परागत ‘ठेकुआ’ प्रसाद का भोग चढ़ाया जाता है। यहां तक कि पूजन सामग्री रखने के लिए भी बांस से निर्मित दउरा और सूपली का ही प्रयोग होता है।
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