scriptशहरवासियों ने सिद्धि व शिव योग में मनाई निर्जला एकादशी | City dwellers celebrated Nirjala Ekadashi in Siddhi and Shiva Yoga | Patrika News

शहरवासियों ने सिद्धि व शिव योग में मनाई निर्जला एकादशी

locationजोधपुरPublished: Jun 21, 2021 12:18:49 pm

निर्जल निराहार रहकर किया निर्जला एकादशी व्रत

जोधपुर. निर्जला एकादशी सोमवार को श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाई गई। इस दिन कई लोग निर्जल व निराहार रहकर उपवास करते हैं तो अधिकांश घरों में आज के दिन सभी लोगों के उपवास रखने की परम्परा है। निर्जला एकादशी पर व्रत-पूजन के साथ दान-पुण्य की परम्परा का भी निर्वाह किया गया। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की इस एकादशी को सबसे कठिन व्रत माना जाता है। महाभारत काल में पांडव पुत्र भीम ने भी इस एकादशी पर व्रत किया था। इसलिए इसे भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं। इस बार एकादशी पर शिव योग के साथ सिद्धि योग भी बन रहा है।
स्कंद पुराण के विष्णु खंड में एकादशी महात्म्य नामक अध्याय में सालभर की एकादशियों का महत्व बताया गया है। मान्यता है कि निर्जला एकादशी पर निर्जल रहकर किसी जरूरतमंद को शुद्ध पानी से भरा जल पात्र दान करने से सुख-समृद्धि बनी रहती है। जोधपुर समेत मारवाड़ के विभिन्न इलाकों में बहन-बेटियों को पानी का मटका, छलनी व पंखी के साथ शक्कर के गोले, सिंगाड़े की सेव व आम आदि भेजने की परम्परा है। गरीबों व जरुरतमंदों को भी इस दिन आम व अन्य सामग्री दान की जाती है।
विशेष योग का खास संयोग
ज्योतिष शास्त्र में सिद्धि योग को बेहद शुभ माना जाता है। यह योग ग्रह-नक्षत्रों के शुभ संयोग से बनता है। यह योग सभी इच्छाओं को पूरा करने वाला माना जाता है। शिव योग में किए गए कार्यों में सफलता और शुभ परिणाम प्राप्त होने की मान्यता है।
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ लाभकारी
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि इस व्रत में जल की एक बूंद भी ग्रहण नहीं की जाती है। व्रत के पूर्ण हो जाने के बाद ही जल ग्रहण करने का विधान है। ’येष्ठ माह में बिना जल के रहना बहुत कठिन होता है। निर्जला एकादशी के दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना लाभकारी है और इससे कुंडली के विभिन्न दोष समाप्त होते हैं।
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