जोधपुर में लांसर लाइन, अजमेर लाइन, हमीद लाइन, सुगन एनक्लेव, बहादुर सिंह एनक्लेव सहित कई स्थानों पर आर्मी जवानों के क्वार्टर बने हैं। जहां वे अपने परिवार सहित रहते हैं। प्रत्येक एनक्लेव के प्रत्येक ब्लॉक में रहने वाले परिवारों के लिए सब्जी लेने का समय तय किया हुआ है। एक ब्लॉक के बाद दूसरे ब्लॉक की सब्जी लेने की बारी होती है। सब्जी की दुकान पर गोले बनाकर सोशियल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जा रहा है। एक क्वार्टर से केवल एक व्यक्ति को ही बाहर निकलने की छूट है। किराना के सामान के लिए यूनिट के अनुसार डीलर्स तय किए गए हैं। इन्हें जोन में बांटकर एनक्लेव में स्थित किराणा दुकान से किराणा मुहैया करवाया जा रहा है। दूध की व्यवस्था प्रत्येक क्वार्टर पर की गई है। लॉकडाउन को देखते हुए सेना ने अपनी सभी कैंटीन बंद कर रखी है।
सेना में भी वर्क फ्रॉम होम पर जोर दिया जा रहा है। गार्ड की ड्यूटी के अलावा क्विक रेस्पोंस टीम के जवानों को रोज ड्यूटी पर आना पड़ता है। जरूरी डाक को देखने के लिए कुछ अधिकारी कोणार्क हैडक्वार्टर आते हैं। शेष घर से काम कर रहे हैं। आर्मी वेब के जरिए जवानों और अफसरों को संदेश भेजे जा रहे हैं। सैनिकों का मूवमेंट अभी बंद है। साथ ही उनकी फिजिकल ट्रेनिंग भी पिछले एक पखवाड़े से बंद कर दी गई है ताकि जरूरत पडऩे पर सैनिकों की सिविल में मदद ली जा सके।