scriptदावा: गिलोय कोरोना के नए स्ट्रेन के लिए भी कारगर | Claim: Giloy Corona's new strain also works | Patrika News

दावा: गिलोय कोरोना के नए स्ट्रेन के लिए भी कारगर

locationजोधपुरPublished: Apr 18, 2021 05:14:15 pm

Ayurveda University Jodhpur
– वायरस मुंह-नाक में ठहरने की बजाय सीधा फेफड़े में उतर रहा, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना कारगर उपाय

दावा: गिलोय कोरोना के नए स्ट्रेन के लिए भी कारगर

दावा: गिलोय कोरोना के नए स्ट्रेन के लिए भी कारगर

जोधपुर. कोविड-19 की दूसरी लहर या कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के लिए भी गिलोय कारगर है। इसकी टेबलेट्स से रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है।
यह दावा है डॉ सर्वपल्ली राधाकृ़ष्णन् राजस्थान आयुर्वेद विवि के कुलपति प्रो. अभिमन्यु कुमार सिंह का। उन्होंने कहा कि विवि ने वायरस से लडऩे के लिए गिलोय की 500 मिलिग्राम की टेबलेट सुबह-शाम लेने का प्रोटोकॉल बनाया है। यह टेबलेट कोई भी ले सकता है।
आयुर्वेद विवि ने गत वर्ष बोरानाडा कोविड सेंटर में 40 मरीजों पर गिलोय टेबलेट का परीक्षण किया था। ये सभी मरीज कोरोना के अलाक्षणिक अथवा बहुत कम लक्षणों वाले थे। गिलोय टेबलेट लेने के बाद चौथे अथवा पांचवें दिन मरीज कोरोना नेगेटिव हो गए। आयुर्वेद विवि के रिसर्च में दावा किया गया है कि गिलोय ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर वायरस को फेफड़ों में पहुंचने से पहले नाक-गले में ही खत्म कर दिया। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढऩे से वायरस को फैफड़ों को अधिक क्षति पहुंचाने से रोका जा सकता है।
रिपोर्ट इसलिए नेगेटिव
कोविड-19 का बदला स्ट्रेन नए लक्षण के साथ सामने आया है। एक शोध के अनुसार 25 प्रतिशत मरीजों में नेगेटिव रिपोर्ट के बावजूद फेफड़ों में संक्रमण था। यानी वायरस गले में ठहरने की बजाय सीधा मुंह में उतर गया।
नई दवा का रिसर्च
कुलपति प्रो. सिंह के अनुसारवर्तमान में बचाव पर अधिक जोर है। सभी को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ानी चाहिए। आयुर्वेद विवि में कोविड सेंटर बनने के बाद कुछ ऐसी दवाओं का परीक्षण किया जा सकेगा जो कोविड की प्रथम फेज में भी कारगर रही थी। अत्यधिक तनाव लेने के कारण भी लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। योगा, मेडिटेशिन सहित आयुर्वेद में कुछ दवाइयां ब्रेन को रिलेक्स करके कोराना से लडऩे में मदद करती है।
फाइब्रोसिस से कठोर हो रहे फैफड़े
कोविड का बदला स्ट्रेन सीधा फैफड़ों पर आक्रमण कर रहा है। फैफड़े स्पंज की तरह होते हैं। इनके फैलने व संकुचित होने से शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है। कोराना वायरस संक्रमण से फैफड़ों में फाइब्रोसिस शुरू हो जाता है और कठोर होते जाते हैं। अधिक कठोर होने पर वेंटीलेटर से भी ऑक्सीजन फैफड़ों के अंदर भेजने की जगह नहीं बचती।
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‘गिलोय की टेबलेट्स कोविड के दूसरे फेज में भी कारगर है। 500 मिलीग्राम की टेबलेट सुबह-शाम लेकर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा सकती है।’
-प्रो. अभिमन्यु कुमार सिंह, कुलपति, डॉ एसआरआर आयुर्वेद विवि जोधपुर

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