
इंद्र मेघवाल हत्याकांड के विरोध में कलक्ट्रेट का घेराव कर किया प्रदर्शन
जोधपुर. जालोर के सुराणा गांव में इंद्र मेघवाल हत्याकांड के विरोध में दलित संगठनों ने बुधवार को कलक्ट्रेट का घेरा किया और ज्ञापन सौंप कर मांग पत्र रखा।
अखिल भारतीय परिसंघ भीम आर्मी, एस.सी.एस.टी. बुद्धिष्ट जी.बी.नि.क. वेलफेयर एसोसिएशन, अजाक, मेघवाल परिषद सहित 45 अम्बेडकरवादी संगठनों के बैनर तले जालोर प्रकरण के विरोध में प्रदर्शन किया गया। पदाधिकारियों ने जिला कलक्टर को मांग पत्र सौंप कर कई मांगें रखी। इसमें एक्ट्रोसिटी सहित पोक्सो व आतंकवाद विरोध एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई करने, विद्यालय की मान्यता रद्द करने, परिजनों को 50 लाख रुपए मुआवजा दिलाने परिवार में से एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, पीड़ित परिजनों को पुलिस सुरक्षा एवं पुनर्वास की व्यवस्था करने, साक्ष्य मिटाने के दोषी पुलिस अधिकारी व अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग रखी। साथ ही जघन्य हत्याकांड की जांच सीबीआई से करा स्पेशल फास्ट ट्रेक कोर्ट में कार्रवाई करवाने की मांग रखी। इस मौके पर अखिल भारतीय परिसंघ के महेन्द्र नागौरी, सोहनलाल लखानी, गोपाराम मेघवाल, आनंदपाल चौहान, सुनील सरगरा, वल्लभ लखेश्री, ओमप्रकाश मेघवाल, विक्रम जटिया, शांति चौहान सहित अन्य मौजूद रहे।
जालोर जिले के सुराणा गांव में दलित छात्र की हत्या के मामले में परिजन से मिलने के लिए बुधवार को जोधपुर आए भीम सेना के प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद को पुलिस ने हवाई अड्डे पर रोक लिया और जालोर नहीं जाने दिया। साढ़े तीन घंटे तक चली वार्ता के बाद देर शाम पुलिस सुरक्षा में सड़क मार्ग से दिल्ली निकल गए।
भीम सेना प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद दोपहर साढ़े तीन बजे जोधपुर के हवाई अड्डे पहुंचे। उन्हें सड़क मार्ग से जालोर के सुराणा गांव निकलना था, जहां वे मृतक दलित छात्र इन्द्र मेघवाल के परिजन से मिलने वाले थे। सुराणा में भीड़ होने की आशंका पर जोधपुर पुलिस ने एयरपोर्ट पर ही चन्द्रशेखर आजाद को रोक लिया। वीआइपी लॉंज में पुलिस उपायुक्त पूर्व डॉ अमृता दुहन के नेतृत्व में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त पूर्व नाजिम अली व अन्य अधिकारियों ने जालोर न जाने के लिए चन्द्रशेखर आजाद से वार्ता की।करीब साढ़े तीन घंटे तक चली वार्ता के बाद भीम सेना प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद को जालोर न जाने के लिए राजी कर लिया गया। इस पर वे शाम सात बजे हवाई अड्डे से बाहर आए। फिर उन्हें सड़क मार्ग से पुलिस सुरक्षा में दिल्ली ले जाया गया।
डीसीपी डॉ दुहन का कहना है कि जालोर में धारा 144 लागू है। ऐसे में भीम सेना प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद से जालोर न जाने के लिए वार्ता की गई। चार घंटे वार्ता के बाद वो अपने कार्यक्रम में बदलाव करने पर सहमत हो गए।
जालोर एसपी ने जताई थी आशंका
दलित छात्र इन्द्र मेघवाल की हत्या के मामले में चन्द्रशेखर का सुराणा गांव जाने का कार्यक्रम था। जालोर एसपी ने पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजकर चन्द्रशेखर के जालोर पहुंचने पर भीड़ होने व कानून व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका जताई थी। ऐसे में उन्हें जालोर न पहुंचने के लिए जोधपुर में ही पाबंद करने का आग्रह किया गया था।
Published on:
18 Aug 2022 06:41 pm
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