6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जिस घर में कल गूंज रहे थे मंगल गीत, आज वीरान आंगन में थी दो मासूमों की देह

सेतरवा कस्बे से करीब 20 किमी दूर शेरगढ़ तहसील के भूंगरा गांव की सगतसिंह की ढाणी में जहां कल दोपहर तक विवाह के मंगल गीत गाए जा रहे थे। वहीं आज वीरान आंगन में दो मासूमों की देह रखी हुई थी।

2 min read
Google source verification
ss.jpg

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क/सेतरवा। कस्बे से करीब 20 किमी दूर शेरगढ़ तहसील के भूंगरा गांव की सगतसिंह की ढाणी में जहां कल दोपहर तक विवाह के मंगल गीत गाए जा रहे थे। वहीं आज वीरान आंगन में दो मासूमों की देह रखी हुई थी। विधाता ने ऐसा खेल किया कि गुरूवार दोपहर पल भर मेें सब कुछ तबाह हो गया। गैंस सिलेंडर फटने से सब कुछ मंजर बदल गया।

किसी ने नहीं सोचा कल ऐसा दिन आने वाला हैं कि यहां इसी आंगन में विवाह नहीं मातम पसर जायेगा। आज इस घर के आंगन में दो मासूमों के शव देखकर हर किसी की आंख नम हो गई। गौरतलब हैं कि भूंगरा निवासी सगतसिंह पुत्र पूजराजसिंह के पुत्र सुरेन्द्रसिंह की गुरूवार को शादी होनी तय थी। इसके लिए बारात रवानगी से पूर्व नेतरा लेने की तैयारी थी। इस बीच खाना बनाते समय गैंस सिलेंडर से गैस रिसाव होने से पूरी ढाणी तबाह हो गई थी। 52 लोग झुलस गये थे। वहीं इसी परिवार से जुड़े दो मासूमों की मौत हो गई थी। हादसे में शुक्रवार तक कुल 7 जनों की मृत्यु हो गई।

शुक्रवार को भूंगरा गांव की हर ढाणी शोक के गम में डूबी थी। हर किसी के आंखों में तबाही का वो मंजर घूम रहा था। हर आंख शून्य भाव से देख रही थी। शुक्रवार को जब पत्रिका टीम सगतसिंह की ढाणी पहुंची तो वहां पर तबाही का मंजर फैला था। बिखरा सामान, टूटी दीवारे अपने आप में सब कुछ बयां कर रहा था। सगतसिंह के एक मासूम पौत्र व एक अन्य मासूम बालिका की इस हादसे में गुरूवार को अस्पताल में जान चली गई थी। सगतसिंह की ढ़ाणी के आगे एक झौंपड़े के पास बैठे गांव वाले मानों किसी का इंतजार कर रहे हैं।

शायद उनको इन मासूमों की मौत का पता चल चुका था। इस बीच दोपहर को इस ढ़ाणी के आगे एक गाड़ी आकर रूकती हैं ओर उसमें सगतसिंह के पौत्र डेढ़ वर्षीय मासूम रतनसिंह पुत्र सांगसिंह व उनकी नजदीकी रिश्तेदार खुशबू पुत्री गणपतसिंह का शव होता हैं। शवों को देख हर कोई मानों ठहर सा गया हो। कांपतें हाथों के बीच धैर्य रख इन मासूमों को शवों को उसी आंगन में रखा गया। मासूम के पिता सांगसिंह को लोगों ने धैर्य बंधाया।