नगर निगम अपनी खुद ही वेबसाइट ही अप टू डेट नहीं रख पा रहा है। अभी कुछ समय पहले ही आयुक्त व महापौर की जानकारी होम पेज पर अपडेट की गई है। लेकिन इसमें भी कई गड़बड़ी छोड़ दी है। खास बात यह है कि वेबसाइट रखरखाव की पूरी प्रणाली पहले एनआइसी सरकारी एजेंसी को जाने वाली थी, लेकिन निजी कंपनी के पास ही अब तक यह संचालन है। इस पर लाखों रुपए भी खर्च हो रहे हैं।
यह आउट ऑफ डेट जानकारी
१- दोनों निगम में अभी कमेटियों का गठन नहीं है। लेकिन वेबसाइट पर पूर्व महापौर घनश्याम ओझा को महापौर और पुराने पार्षदों की कमेटी बताई गई है।
२- इंजीयनिरिंग सेक्शन के अधीक्षण अभियंता व अन्य या तो एपीओ हो गए या स्थानांतरित लेकिन लिस्ट अभी भी महीनों पुरनी है।
३- पांच साल से बजट फिगर ही अपडेट नहीं किया है, २०१६-१७ के बाद निगम का बजट विवरण ही उपलब्ध नहीं है।
४- ऑर्डर या सर्कुलर सेगमेंट, फॉर्म डाउनलोड करना चाहेंगे तो मीटिंग मिनट्स खुलेंगे। यह तकनीकी खराबी भी काफी समय से है।
१- दोनों निगम में अभी कमेटियों का गठन नहीं है। लेकिन वेबसाइट पर पूर्व महापौर घनश्याम ओझा को महापौर और पुराने पार्षदों की कमेटी बताई गई है।
२- इंजीयनिरिंग सेक्शन के अधीक्षण अभियंता व अन्य या तो एपीओ हो गए या स्थानांतरित लेकिन लिस्ट अभी भी महीनों पुरनी है।
३- पांच साल से बजट फिगर ही अपडेट नहीं किया है, २०१६-१७ के बाद निगम का बजट विवरण ही उपलब्ध नहीं है।
४- ऑर्डर या सर्कुलर सेगमेंट, फॉर्म डाउनलोड करना चाहेंगे तो मीटिंग मिनट्स खुलेंगे। यह तकनीकी खराबी भी काफी समय से है।