प्रकरण के अनुसार कृष्णानगर,चाडी निवासी दीपाराम ने पुलिस थाने में एफआइआर दर्ज करवा कर बताया कि उसकी बहन उर्मिला की शादी दो वर्ष पूर्व बीरमाराम के साथ हुई। विवाह के समय दहेज और अन्य वस्तुएं दी गई। 6 माह पहले बहन को एक बेटी हुई। इसके बाद से ससुराल वालों ने उर्मिला को दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे। 11 अगस्त 2015 को पति, सास तथा अन्य ने उर्मिला की गला घोट कर हत्या कर शव टांके में डुबो दिया। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302,498 ए सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर अनुसंधान के पश्चात कोर्ट में चालान पेश किया। अंतिम बहस करते हुए आरोपियों के अधिवक्ता ने सास की उम्र 62 वर्ष से अधिक होने तथा आत्महत्या का मामला बताते हुए बरी करने का निवेदन किया। सरकार की ओर से लोक अभियोजक लादाराम विश्नोई ने कहा कि आरोपियों ने षड्यंत्र रचकर हत्या की है। पत्रावली में आरोपियों के खिलाफ मजबूत आधार है। कोर्ट ने 22 गवाहों तथा दस्तावेजों के आधार पर बीरमाराम पुत्र बालुराम को 10 वर्ष तथा मृतका की सास रामीदेवी पत्नी बालुराम को 7 वर्ष के साधारण कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने आरोपियों पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया।
आबू रोड कोर्ट परिसर में बुनियादी सुविधाओं के उन्नयन का ब्यौरा मांगा
जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सिरोही जिले के आबू रोड कस्बे में अधीनस्थ अदालत परिसर में बुनियादी सुविधाओं के उन्नयन को लेकर प्रस्तावित प्रयासों के संबंध में राज्य सरकार को ब्यौरा देने के निर्देश दिए हैं। न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ में याचिकाकर्ता दिनेश खंडेलवाल की ओर दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता संदीप शाह तथा हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप शाह ने प्रस्तावित प्रयासों का ब्यौरा देने के लिए समय मांगा, जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने अगली सुनवाई 19 जुलाई को मुकर्रर की है। कोर्ट ने कहा कि छह सप्ताह में सकारात्मक कदम उठाए जाएं, अन्यथा आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।