पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अनिल कयाल ने बताया कि तेरह वर्षीय छात्रा से बलात्कार व बच्ची को जन्म देने के मामले में पीडि़ता के चचेरे भाई को गिरफ्तार किया गया। उसी ने छात्रा से बलात्कार और फिर यौन शोषण किया था। तीन सहपाठी छात्रों पर लगाए गए आरोप जांच में साबित नहीं हुए।
तीन सहपाठियों पर मढ़े थे झूठे आरोप
पुलिस का कहना है कि पेट दर्द की शिकायत होने पर छात्रा को परिजन रविवार को उम्मेद अस्पताल ले गए थे, जहां रात को उसने बच्चे को जन्म दिया था। इसका पता लगने पर पुलिस अस्पताल पहुंची थी और पीडि़ता के पर्चा लिए थे। जिसमें उसने गांव की सरकारी स्कूल में साथ पढऩे वाले एक नाबालिग छात्र पर बलात्कार करने व दो अन्य पर सहयोग करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने तीनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, लेकिन तीनों ने आरोप निराधार बताए।
छात्रा से दुबारा जांच में भाई की भूमिका आई सामने
तीनों नाबालिग छात्रों की भूमिका नजर न आने पर पुलिस ने गांव में भी पृथक से जांच की। तीनों नाबालिग छात्र व छात्रा के बारे में गोपनीय जानकारी जुटाई गई। तीनों पर आरोप गलत नजर आने पर पीडि़ता से अस्पताल में पृथक से जांच की गई। उसे विश्वास में लिया गया तो हकीकत बयान कर दी। छात्रा ने अपने बड़े पिता के पुत्र भाई पर बलात्कार और यौन शोषण करने का आरोप लगाया। पुलिस ने तुरंत आरोपी को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने आरोपी स्वीकार कर लिए। आरोपी व पीडि़ता के मकान पास-पास ही हैं।
घरेलू मामला होने से पर्दा डाला
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि घरेलू मामला की वजह से ही छात्रा के गर्भवती होने से प्रसव से पहले तक वारदात छुपाकर रखी गई। प्रसव होने के बाद पर्चा बयान में भी तीन छात्रों पर आरोप लगाए गए, लेकिन पुलिस ने छात्रा से पृथक जांच की तो पूरा मामला ही बदल गया।