आइआइटी जोधपुर के निदेशक प्रो. शांतनु चौधरी, व्हिज़हैक टेक्नोलॉजीज के सह-संस्थापक व चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर कौशिक रे सहित कई प्रोफेसर्स इस कार्यक्रम में शामिल हुए। गौरतलब है कि बीते समय में देश ही नहीं पूरे विश्व में साइबर हमलों में तेजी से वृद्धि हुई है। एजेंसी गार्टनर के अनुसार 2013 और 2020 के बीच महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा क्षेत्र में काम करने वाले संगठनों पर साइबर हमलों में 3,900 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इससे निपटने के लिए अगले तीन से पांच साल तक इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आइओटी) और साइबर फिजिकल सिस्टम महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
आइआइटी के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्देश्य
- देश में साइबर हमलों का पता लगाना, वर्गीकृत करना और कम करने के लिए सॉफ्टवेयर आइपी का उत्पादन करना। - साइबर-भौतिक प्रणालियों पर बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार करना।
- देश में साइबर हमलों का पता लगाना, वर्गीकृत करना और कम करने के लिए सॉफ्टवेयर आइपी का उत्पादन करना। - साइबर-भौतिक प्रणालियों पर बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार करना।
- दुनिया भर में भारत में निर्मित सॉफ्टवेयर उत्पादों और प्रशिक्षणों की मार्केटिंग करना। आने वाले समय में देश के सामने जलमार्ग, ऊर्जा, रेलवे, स्मार्ट सिटी, रक्षा, दूरसंचार नेटवर्क सहित विभिन्न सेक्टर्स में साइबर हमले मुख्य चुनौती रहेगी। हम साइबर फिजिकल सिस्टम्स सुरक्षा में नए प्रतिमानों पर शोध करेेंगे।
- प्रो. शांतनु चौधरी, निदेशक, आइआइटी जोधपुर
- प्रो. शांतनु चौधरी, निदेशक, आइआइटी जोधपुर