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राजस्थान के जोधपुर पुलिस रेंज की साइक्लोनर टीम को रविवार को एक लाख रुपए के इनामी तस्कर जालोर के सायला निवासी हनुमान उर्फ हडि़या को पकड़ने में सफलता हाथ लगी। उसे कोटपूतली में उसकी महिला मित्र के घर से दबोचा गया। उसके साथी बालाेतरा जिले के कपूरड़ी निवासी जालाराम को भी जोधपुर आने के दौरान वॉल्वो बस से पकड़ लिया गया। हनुमान पर पुलिस मुख्यालय ने एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था। वह तीन साल से फरार था।
हनुमान को पकड़ने के बाद पुलिस उसकी नेटवर्किंग देखकर दंग रह गई। उसके पास मोबाइल तो था, लेकिन उसमें सिम और इंटरनेट कुछ नहीं था। वह जेंगी प्राइवेट नम्बर यूज करता था, जो सिक्योर मैसेंजर होने के साथ मिलिट्री ग्रेड का एनक्रिप्शन है। जेंगी 10 डिजिट का अलग ही मोबाइल नम्बर होता है, जो दूसरे दस डिजिट के जेंगी नम्बर से वॉइस और वीडियो कॉल में काम आता है। हनुमान के मोबाइल की ब्राउजिंग हिस्ट्री में आइपीएस अधिकारियों की ट्रांसफर लिस्ट भी डाउनलोड की हुई थी।
जोधपुर रेंज आइजी विकास कुमार ने रविवार को पत्रकारों को बताया कि हनुमान बहुत बड़ा तस्कर था। वह उत्तरी पूर्वी राज्यों, बिहार और झारखण्ड से बड़ी मात्रा में मादक पदार्थों की सप्लाई करता था। बीते दिनों पकड़ी गई मादक पदार्थों की बड़ी खेप का स्रोत हनुमान ही था, लेकिन वह राजस्थान से बाहर रहता था। पुलिस साढ़े तीन महीने से इसके पीछे लगी हुई थी।
हनुमान की शादी उसकी सहपाठी से हुई थी, लेकिन वह उसको कम पसंद करता था। इसलिए उसने महिला मित्र बना रखी थी जो जोधपुर में शोभावतों की ढाणी में रहती थी। उससे हनुमान के 17 महीने की एक पुत्री भी है। वह महिला मित्र को टीचर बनाना चाहता था। हाल ही उसे कोटपूतली शिफ्ट किया गया।
हनुमान अपने साथी जालाराम के साथ जोधपुर के लिए रवाना हुआ, लेकिन जयपुर में उतर गया। जालाराम बस में बैठकर जोधपुर आ रहा था तब साइक्लोनर टीम ने बिलाड़ा के पास वॉल्वो में सवार होकर उसे पकड़ लिया। जालाराम की निशानदेही पर पुलिस रात को कोटपूतली पहुंची। वहां हनुमान मौजूद था। शक होने पर हनुमान ने घर की 20 फीट की दीवार से छलांग लगा दी। साइक्लोनर टीम का एक पुलिसकर्मी भी 20 फीट नीचे कूदा। पहले से नीचे खड़े पुलिसकर्मियों ने हनुमान को दबोच लिया।
पुलिस ने आरोपी हनुमान के मोबाइल की जांच की। ब्राउजिंग हिस्ट्री में आइपीएस की तबादला सूची सर्च करने का पता लगा। इस संबंध में उसने बताया कि वह काफी समय से राज्य से बाहर फरारी काट रहा था। आइजी रेंज विकास कुमार की साइक्लोनर टीम पीछे लगी थी। वह आइजी विकास कुमार का तबादला होने का इंतजार कर रहा था। ताकि फिर से ड्रग्स तस्करी का जाल बिछा सके।
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मैंने 11 महीने पहले साइक्लोनर टीम के साथ 100 अपराधियों को पकड़ने का टारगेट और ऑपरेशन का नाम दिया था। आज 87 टारगेट पूरे हो गए हैं। हनुमान के लिए ऑपरेशन का नाम कंटकमोचक और जालाराम के लिए ऑपरेशन जैमरोल रखा था। उम्मीद है कि एक साल में टारगेट पूरे हो जाएंगे।
Updated on:
23 Mar 2025 09:24 pm
Published on:
23 Mar 2025 09:23 pm
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