– ब्लाइंड कर्व (अंधा मोड़ )
– सडक़ की सतह या स्लोब ठीक नहीं होना।
– मुख्य सडक़ पर अन्य सडक़ों की पासिंग ठीक न होना। एनएच पर यह पॉइंट
– पाली रोड पर कांकाणी के समीप एक ब्लैक स्पॉट
– पाली मंडिया गांव तिराहे पर ब्लैक स्पॉट
– जालोर जिले के सांचौर के निकट एक ब्लैक स्पॉट
– इन सभी पर सार्वजनिक निर्माण विभाग एनएच विंग की ओर से काम किया जा रहा है।
– जोधपुर के समीप रिंग रोड पर ब्लैक स्पॉट चिह्लित है। सडक़ चौड़ी करने के लिए इनको फिलहाल रोक कर रखा गया है।
जो सूचियां विभागों को दी जाती हैं, उनमें एक ब्लैक स्पॉट पर करीब 5-7 एक ही प्रकार से हुए हादसों को शामिल किया जाता है। ऐसे में जिले में ये ब्लैक स्पॉट एक साल में औसतन 10-15 जिंदगियां निगल लेते हैं।
– 23 से 25 हजार हादसे एक साल में औसतन
– 65 से अधिक हादसे प्रदेश में प्रतिदिन
– 2 हादसे औसतन प्रतिदिन होते हैं प्रत्येक जिले में
– 4-5 ब्लैक स्पॉट प्रति वर्ष चिह्नित होते हैं
– 10-15 हादसे औसतन इन ब्लैक स्पॉट चिह्नित क्षेत्रों में होते हैं
– जेठाराम जीनगर, अधीक्षण अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग एनएच विंग