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बुजुर्ग की मौत के बाद ‘रस्मों’ की भी ‘मौत’

locationजोधपुरPublished: Jan 19, 2019 10:44:27 pm

Submitted by:

jitendra Rajpurohit

– मौत के बाद की रस्में निभाने को नहीं मिला गांव में पानी-केवल हाथ धोकर निभानी पड़ी रस्मअकाल के हालात के चलते भीषण जल संकट

'Death' of 'rituals' even after the death of elderly

बुजुर्ग की मौत के बाद ‘रस्मों’ की भी ‘मौत’

चंपालाल पंवार. आगोलाई (जोधपुर). अकाल के हालात के चलते पानी की कमी के कारण भाटेलाई पुरोहितान ग्राम पंचायत के राजस्व ग्राम तोलेसर चारणान में शनिवार को अंतिम संस्कार के बाद स्नान की रस्म को मजबूरन त्यागना पड़ा। केवल हाथ धोकर अंतिम संस्कार के बाद की रस्में निभाई और शवयात्रा में शामिल दो सौ लोग अपने-अपने घरों की ओर चल दिए।
ग्रामीण मांगीलाल राव ने बताया कि गांव के 62 वर्षीय खेताराम पुत्र गेनाराम राव का शुक्रवार को निधन हो गया था। रिश्तेदार दूर रहने के कारण उनके आने का इंतजार किया गया। अंतिम संस्कार के लिए उनका शव शनिवार को तोलेसर चारणान स्थित श्मशान घाट लाया गया। शवयात्रा में करीब दौ सौ लोग शामिल हुए। हिन्दू धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार की रस्मों के तहत अंत्येष्टि के बाद उपस्थित सभी लोग स्नान करते हैं, इसके बाद आगे की रस्म निभाते हैं। लेकिन स्नान की रस्म को निभाने के लिए गांव में कहीं पर भी पानी नहीं मिला, इस कारण अंत्येष्टि में शामिल सभी लोगों को हाथ धोकर आगे की रस्में निभानी पड़ी। मंदिर के पुजारी ने गंगाजल का छिडक़ाव कर अन्य औपचारिकताएं पूरी की।
गांव में नहीं मिला पानी

अंत्येष्टि में शामिल लोगों ने बताया कि अंतिम संस्कार के बाद स्नान की रस्म निभाने के लिए हमने तोलेसर पुरोहितान स्थित एसएलआर टंकी पर सम्पर्क किया, लेकिन वहां पर लगे कर्मचारी ने बताया कि टंकी में पानी नहीं हैं तो गांव में लोगों से पानी का एक टैंकर भरवाने के लिए अनुरोध किया, लेकिन कहीं पर पानी नहीं मिला। इसके बाद पानी के टैंकर के लिए जलदाय विभाग केे सहायक अभियंता से भी बात करने की कोशिश की, लेकिन अभियंता फोन बंद होने के कारण सम्पर्क नहीं हो सका।
ग्रामीणों ने की निंदा

तोलेसर चारणान में सात-आठ जीएलआर व पानी के हौद बने हुए हैं, लेकिन विभाग द्वारा सप्ताह में केवल एक बार गांव स्थित एक जीएलआर में कुछ समय के लिए नाममात्र सप्लाई दी जाती हैं। शेष जीएलआर और खाली पड़े रहते हैं। नाड़ी-तालाब तो पहले से सूखे पड़े हैं। ग्रामीणों ने इस प्रकार की घटना की निंदा करते हुए अकाल से उपजे पेयजल संकट पर प्रशासन से जल्द समाधान करने की मांग की हैं।
जांच करवाएंगे-

ग्रामीण क्षेत्र में पानी की सप्लाई औसतन चार दिन में एक बार देते हैं। जीएलआर भरते हैं तो लोग अपने टांकों में पानी स्टोर कर लेते हैं। फिर भी इस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट लेकर जांच करते हैं।
– जुगलकिशोर करवा, अधीक्षण अभियंता जिला वृत्त, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, जोधपुर।
निंदनीय घटना

अकाल के हालात और कम जलापूर्ति के कारण अंतिम संस्कार की रस्मों के दौरान गांव में पानी नहीं मिला, मानवीय मूल्यों में इससे बड़ा निंदनीय क्या होगा।
– हीराराम राठौड़, पूर्व सरपंच, ग्राम पंचायत भाटेलाई पुरोहितान ।
समाधान किया जाएगा-

लडक़ी की सगाई समारोह में शामिल होने के लिए अवकाश पर था। हो सकता है की ग्रामीणों ने जब कोशिश की तब फोन पर सम्पर्क नहीं हो पाया हो। तोलेसर चारणान में सप्ताह में एक बार पेयजल आपूर्ति की जाती है। हाथ धोकर अंतिम संस्कार की रस्म निभाई इस घटना के बारे में पता करूगा तथा पेयजल आपूर्ति में कहीं पर कमी है तो समाधान किया जाएगा।
-जैतसिंह, सहायक अभियंता, जलदाय विभाग बालेसर ।
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