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Rajasthan News: राजस्थान के करीब 900 बीएड छात्र-छात्राओं की डिग्री खतरे में, जानें पूरा मामला

प्रदेश में 7 सरकारी बीएड कॉलेज हुआ करते थे। सभी कॉलेजों में नियमों का पालन नहीं होने से एनसीटीई ने अक्टूबर 2018 में जयपुर के चिमनपुरा व कालाडेरा, जोधपुर के भोपालगढ़, अजमेर के नसीराबाद और उदयपुर के खेरवाड़ा बीएड कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी थी।

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BEd students of Rajasthan

प्रदेश में 7 सरकारी बीएड कॉलेज हुआ करते थे। सभी कॉलेजों में नियमों का पालन नहीं होने से एनसीटीई ने अक्टूबर 2018 में जयपुर के चिमनपुरा व कालाडेरा, जोधपुर के भोपालगढ़, अजमेर के नसीराबाद और उदयपुर के खेरवाड़ा बीएड कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी थी।

राजस्थान में केवल दो सरकारी बीएड कॉलेज हैं। एक बीकानेर और अजमेर में। इन दोनों सरकारी बीएड कॉलेज की मान्यता भी दो साल पहले रद्द हो चुकी है। इसके बावजूद दोनों कॉलेजों की ओर से तीन शैक्षणिक सत्र में बीएड के लिए छात्र- छात्राओं को प्रवेश दे दिया गया, जिससे उनकी डिग्री की मान्यता संकट में आ गई है। ऐसे करीब 900 बीएड विद्यार्थी हैं, जो बगैर मान्यता के बीएड कर रहे हैं अथवा कर चुके हैं। जानकारों का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से आयोजित रीट और शिक्षक भर्ती परीक्षा में इन कॉलेजों की बीएड डिग्री को अमान्य कर दिया जाएगा। सरकारी कॉलेज समझकर विद्यार्थियों ने भी प्रवेश ले लिया और मान्यता भी नहीं देखी। अब वे अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

यह है मामला

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की पश्चिम क्षेत्रीय समिति ने राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान (आईएएसई) अजमेर के बीएड व एमएड पाठ्यक्रम और राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान बीकानेर के बीएड पाठ्यक्रम की मान्यता 10 नवंबर 2022 को प्रत्याहरित (विड्रॉल) कर ली थी। इन आदेशों के बाद मान्यता वापस बहाली के कोई आदेश जारी नहीं हुए हैं। सत्र 2023-24 के प्रारंभ से ये दोनों पाठ्यक्रम एनसीटीई की मान्यता बिना ही यहां संचालित हो रहे हैं, जबकि संस्थान ने 2022-24, 2023-25 और 2024-26 सत्र के लिए बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश दे दिया।

7 में से 5 कॉलेजों की मान्यता छह साल पहले रद्द

प्रदेश में 7 सरकारी बीएड कॉलेज हुआ करते थे। सभी कॉलेजों में नियमों का पालन नहीं होने से एनसीटीई ने अक्टूबर 2018 में जयपुर के चिमनपुरा व कालाडेरा, जोधपुर के भोपालगढ़, अजमेर के नसीराबाद और उदयपुर के खेरवाड़ा बीएड कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी थी। बाकी बचे बीकानेर और अजमेर के दो कॉलेजों दो की मान्यता भी 2022 में जाती रही।

विवि और कॉलेज आयुक्तालय का गैर जिम्मेदाराना रवैया

दोनों संस्थान बीएड और एमएड दोनों पाठ्यक्रमों की मान्यताएं खो चुके थे। इसके बावजूद एमडीएस विश्वविद्यालय अजमेर और कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय ने अपनी समुचित भूमिका का निर्वहन किए बगैर ही इनको प्रवेश प्रक्रिया में सम्मिलित करने की अनुमति दे दी।

हमने एनसीटीई में अपील और हाईकोर्ट में याचिका लगा रखी है। 9 सितम्बर 2024 को नया ऑर्डर निकला है, जिसमें बताया है कि 2024-26 की मान्यता नहीं है। वर्ष 2022-23 और 2023-24 की मान्यता तो हमारे पास थी। - डॉ. रणवीर सिंह चौधरी, प्रिंसिपल, आईएएसई अजमेर
(डॉ. चौधरी वर्ष 2022-23 और 2023-24 की मान्यता वापसी के आदेश के बारे में कुछ नहीं बोले)

यदि 9 सितंबर 2024 के मान्यता प्रत्याहरण आदेशों को देखें तो उनमें 10 नवंबर 2022 को जारी बीएड व एमएड पाठ्यक्रमों के जारी प्रत्याहरण आदेशों का उल्लेख मिलता है, परंतु किसी भी मान्यता बहाली आदेश का कोई उल्लेख कहीं नहीं है। एनसीटीई की पश्चिम क्षेत्रीय समिति ने सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सूचित किया है कि 10 नवंबर 2022 के बाद मान्यताओं की बहाली के कोई आदेश दोनों संस्थानों के संदर्भ में जारी नहीं हुए हैं। यदि इन संस्थानों के पास ऐसे आदेश हैं तो अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित करें।

  • जितेंद्र शर्मा, शिक्षाविद, जोधपुर

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