दिल्ली मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ फैमिली वेलफेयर की डिप्टी कमिश्नर डॉ. सुषमा दुरेजा के नेतृत्व में तिंवरी राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण करने यह टीम आई। घेराव कर ग्रामीणों ने टीम को कहा कि कमाई के लालच में नाबालिग लडक़ी को नर्स शारदा चौधरी ने गर्भवती बता दिया और गर्भपात कराने के नाम पर 5 हजार 500 रुपए मांगे। ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपकर नर्स शारदा चौधरी को हटाने की मांग की।
गौरतलब है कि 28 अगस्त तिंवरी निवासी एक 15 वर्षीय बच्ची के सिर दर्द होने की शिकायत को लेकर उसके परिजन ंितंवरी के राजकीय आदर्श प्राथमिक चिकित्सालय पहुंचे थे। जहां कार्यरत नर्स शारदा चौधरी ने अस्पताल में हिमोग्लोबिन जांच कराई। इसके बाद बच्ची समेत परिजनों को अस्पताल परिसर स्थित अपने क्वार्टर बुलाया। जहां जांचकर नाबालिग को 3 महीने की गर्भवती बताया और गर्भ गिराने के नाम पर 8 हजार 500 रूपए की मांग की। इसमें से 3 हजार 500 पहले व शेष राशि बाद में देने की बात कही।
नाबालिग के गर्भवती होने की बात सुन परिजनों के होश उड़ गए। सहमे परिजनों ने बुधवार को जोधपुर के एक निजी अस्पताल में जांच करवाई तो नाबालिग के गर्भवती होने की कोई पुष्टि नहीं हुई। ऐसे में बुधवार देर शाम गुस्साए परिजनों के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने अस्पताल पहुंचकर नर्स को हटाने की मांग को लेकर हंगामा खड़ा कर दिया था। तब से ही आरोपी नर्स को हटाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।
इनका कहना है नर्स शारदा चौधरी की शिकायत ग्रामीणों ने सीएमएचओ सुनिल बिस्ट से की थी। मामले को लेकर मेरे पास अभी तक कोई जांच नहीं आई है। डॉ. मदनदेव सिंह राजपुरोहित, चिकित्सा प्रभारी, तिंवरी