ये है मामला पांच वर्ष पूर्व परिवादी पप्पूदास के पक्ष में सीमांकन और पत्थरगढ़ी का सहायक कलक्टर न्यायालय पीपाड़सिटी की ओर से डिक्री आदेश जारी था। लेकिन इसकी पालना कराने में परिवादी को लोहे के चने चबाने के बाद भी न्याय नहीं मिला। बीच बीच मे स्थानीय प्रशासन ने भी कई बार सीमांकन किया लेकिन दोनों पक्षों में विवाद थम नही सका। तो अतिरिक्त जिला कलक्टर नाहटा के समक्ष दावा किया और उन्होंने आदेश के लिए परिवादी से रिश्वत की मांग रख दी। उसके बाद ये मामला राज्य स्तर पर चर्चित हो गया।
सुरक्षा के कड़े प्रबंध परिवादी के खेत के सीमांकन और पत्थरगढ़ी के दौरान संभावित विवाद को देखते हुए उपजिला मजिस्ट्रेट डॉ. बुनकर के साथ तहसीलदार गलबाराम मीणा, पुलिस थानाधिकारी प्रेमदान रतनू, बोरुंदा थानाधिकारी बाबूलाल राणा, भोपालगढ़ थानाधिकारी डॉ. मनोहर बिश्नोई सहित पुलिस लाइन से पचास जवानों का सुरक्षा जाप्ता और राजस्व कर्मचारी उपस्थित रहे।
परिवादी का अतिक्रमण भी हटा सीमांकन के दौरान पश्चिमी की तरफ रास्ते की सरकारी भूमि पर पप्पूदास के अतिक्रमण से भी भूमि को मुक्त करवाया गया। उसके खातेदारी के अनुसार सीमांकन के बाद भी वो संतुष्ट नही हो पा रहा था।जिस पर विशेष टीम ने मौका की फर्द रिपोर्ट बना कर उपस्थित ग्रामीणों से हस्ताक्षर करवाए। लेकिन परिवादी ने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया।
-पप्पूदास, परिवादी परिवादी पप्पूदास की राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार भूमि का विशेष टीम की ओर से सीमांकन करवा कर परिवादी की उपस्थिति में पत्थरगढ़ी का कार्य पूरा करवाया गया।
-डॉ. लक्ष्मीनारायण बुनकर,उपजिला मजिस्ट्रेट पीपाड़सिटी