imported pulses—-आयातित दालों पर निर्भरता होगी खत्म, कृषि विवि पैदा करेगा उन्नत बीज
जोधपुरPublished: Jan 24, 2020 09:49:18 pm
– विवि के अधीन केंद्रों पर तैयार हो रहे 1 हजार क्विंटल उन्नत दलहन के बीज
imported pulses—-आयातित दालों पर निर्भरता होगी खत्म, कृषि विवि पैदा करेगा उन्नत बीज
जोधपुर।
आयातित मूंग की निर्भरता को समाप्त करने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से मूंग सहित अन्य दलहनों के उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है। पिछले वर्ष में देश में मूंग उत्पादन पर जोर दिया गया, परिणामस्वरूप आयात में कुछ कमी आई। पिछले वर्ष की सफलता को देखते हुए जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय की ओर से किसानों को उन्नत बीज, उन्नत तकनीक आदि उपलब्ध करवाने पर कार्य किया जा रहा है। विवि की ओर से इस बार नई किस्मों के बीज तैयार किए जा रहे है। देश में सबसे ज्यादा मंूग का उत्पादन राजस्थान में होता है। प्रदेश के कुल दलहन (मूंग-मोठ) उत्पादन में कुल क्षेत्रफ ल के करीब 70 प्रतिशत क्षेत्र में मारवाड़ की हिस्सेदारी है।
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केवीके और रिसर्च सेंटर्स पर तैयार हो रहे बीज
विवि के अधीन आने वाले कृषि विज्ञान केन्द्र (केवीके) और रिसर्च सेंटर्स सहित 11 केन्द्रों पर उन्नत बीज तैयार किए जा रहे है। मण्डोर स्थित कृषि अनुसंधान केन्द्र के अलावा विश्वविद्यालय के अधीन नागौर, जालोर, सुमेरपुर, समदड़ी के रिसर्च सेंटर्स सहित सिरोही, जालोर, फलोदी, गुढामालानी, मोलासर व नागौर केवीके पर मूंग के उन्नत बीज तैयार किए जा रहे है। इन केन्द्रों पर करीब 300 हैक्टेयर क्षेत्र में बीज तैयार किए जा रहे है।
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नागौर-जालोर में बनेंगे बीज गोदाम
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने दलहन उत्पादन व उपयोगिता को देखते हुए कृषि विश्वविद्यालय के नागौर व जालोर केन्द्र को दलहन बीज उत्पादन हब के रूप में विकसित करने के लिए प्रत्येक केन्द्र को 1.5 करोड़ रुपए आवंटित किए है। जिसके अंतर्गत इन केन्द्रों पर बीज विद्यायन केन्द्र, बीज गोदाम का निर्माण व रिवॉल्विंग फ ण्ड के रूप में उपयोग किया जाएगा।
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जीएएम 6-7 किस्म के बीज तैयार कर रहे
विवि के अधीन केन्द्रों पर करीब 1 हजार क्विंटल से ज्यादा उन्नत बीज तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। शुरुआत में नए किस्मों के उत्पादन में जलवायु से संबंधित कुछ दिक्कतें आई थी, जिनके निदान के बाद उत्पादन कार्य चल रहा है। विवि की ओर से जीएएम-6 व जीएएम-7 किस्म के बीज तैयार किए जा रहे है।
प्रो बीआर चौधरी, कुलपति
कृषि विवि, जोधपुर