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Good News: राजस्थान में अच्छे मानसून के बावजूद इस सीजन में नहीं मिली टिड्डी, सूडान व नाइजर में हमला

Grass Hopper: अच्छे मानसून को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन ने भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर टिड्डी की कुछ संभावना जताई थी, लेकिन जोधपुर स्थित टिड्डी चेतावनी संगठन की ओर से बॉर्डर पर लगातार सर्वे और रोकथाम उपायों के बावजूद टिड्डी पैदा नहीं हो सकी।

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Locust swarm in Rajasthan

Rajasthan News: अच्छे मानसून के बावजूद इस सीजन में भारत में टिड्डी दल रिपोर्ट नहीं किया गया। पूरे वर्ष भारत और पाकिस्तान के बॉर्डर पर एकल टिड्डी जरूर दिखी, लेकिन कहीं भी झुण्ड नहीं देखे गए। दिसंबर में राजस्थान में बीकानेर सहित आसपास के क्षेत्र में इक्का दुक्का टिड्डी मिली।

कुल मिलाकर पश्चिमी राजस्थान में मानसून की अच्छी बारिश के बावजूद टिड्डी से निजात रही। अब इस साल मानसून के समय में फिर से टिड्डी रोकने पर काम किया जाएगा।

अच्छे मानसून को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन ने भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर टिड्डी की कुछ संभावना जताई थी, लेकिन जोधपुर स्थित टिड्डी चेतावनी संगठन की ओर से बॉर्डर पर लगातार सर्वे और रोकथाम उपायों के बावजूद टिड्डी पैदा नहीं हो सकी।

रेतीले धोरों में टिड्डी के कुछ अंडे थे, लेकिन उनके भी हॉपर नहीं निकल सके। गौरतलब है कि टिड्डी का मुख्य ठिकाना पूर्वी और उत्तरी अफ्रीकी देश हैं। मानसून के समय में भी नमी और खाद्यान्न होने से टिड्डी लाल सागर को पार करके सऊदी अरब, ईरान, पाकिस्तान होते हुए भारत तक आ जाती है। इस साल अफ्रीकी देशों में टिड्डी देखी गई, लेकिन वहां भी नियंत्रण कार्यक्रम बेहतर तरीके से किया गया।

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लाल सागर किनारे मिली, सूडान व नाइजर में हमला

वर्तमान में लाल सागर के अफ्रीकी किनारे पर टिड्डी का प्रकोप बना हुआ है। विशेषकर नाइजर और सूडान में रेगिस्तानी टिड्डे ने काफी हमले किए हैं और फसल भी नष्ट की है जबकि इरिट्रिया के लाल सागर तट पर एक छोटा टिड्डी दल विकसित हुआ, जहां हॉपर और वयस्कों के कुछ समूह और समूह बढ़ गए हैं।

सूडान में तो टिड्डी की दूसरी पीढ़ी पैदा होकर लाल सागर तट पर आ गई है। सऊदी अरब और यमन में बिखरे हुए टिड्डे और कुछ समूह मौजूद हैं। उत्तरी ओमान में कुछ समूह और अपरिपक्व झुंड हैं। इनके आगे भारत तक आने की संभावना काफी कम है।

इस साल एक भी टिड्डी दल नहीं आया। बॉर्डर पर इक्का-दुक्का टिड्डी जरूर रिपोर्ट हुई थी। अगले महीने से हम किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करेंगे।

  • डॉ. वीरेंद्र सिंह, उप निदेशक, टिड्डी चेतावनी संगठन जोधपुर

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