एक नजर में प्रोजेक्ट – शहर में 11 केवी लाइनों के जाल को इंसुलेटेड करने का प्रस्ताव पास नहीं किया गया।
– एलटी लाइन को इंसुलेटेड करने का अलग प्रोजेक्ट था।
– दोनों लाइनों के लिए कुल 40 करोड़ का प्रोजेक्ट था।
– परकोटे के भीतर बिजली लाइनों को करना था सुरक्षित
– आचार संहिता के कारण टैंडर व वर्क ऑर्डर की प्रक्रिया अटक गई।
अंडरग्राउंड लाइनों का जाल शहर में अंडरग्राउंड बिजली लाइनों का जाल बिछा हुआ है। री-एसिलिरेड पावर डवलपमेंट रिफॉर्म प्रोजेक्ट आरएपीडीआरपी के तहत शहर के कई हिस्सों में अंडरग्राउंड बिजली लाइन डाली गई। इस दौरान भीतरी शहर में सर्वे हुआ। लेकिन यहां बहुत की कम गहराई पर पानी, सीवरेज और सीपेज जैसी समस्या के कारण यहां अंडरग्राउंड बिजली केबल डालना संभव नहीं हो सका।
हर साल होते हैं हादसे
बिजली के तारों के इस जंजाल के कारण हर साल हादसे होते हैं। कभी बारिश के दिनों में तो कभी दीपोत्सव के मौके पर ऐसे हादसे होते रहते हैं। लेकिन इसके बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही।
इनका कहना… आंतरिकत स्वीकृति का मामला था। वह मिल चुकी है। लेकिन आचार संहिता के कारण हम टैंडर व अन्य प्रक्रिया नहीं कर पा रहे हैं।
– सुरेश चौहान, अतिरिक्त मुख्य अभियंता टीडब्ल्यू, जोधपुर डिस्कॉम