scriptकुत्तों के बाड़े से भी बदत्तर स्थिति में जी रहे डॉग फेमिली के वन्यजीव | Dog family wildlife living in worse condition than dogs enclosure | Patrika News

कुत्तों के बाड़े से भी बदत्तर स्थिति में जी रहे डॉग फेमिली के वन्यजीव

locationजोधपुरPublished: Dec 04, 2020 08:35:44 pm

Submitted by:

Nandkishor Sharma

 
एन्क्लोजर में नुकीले पत्थरों की भरमार ,
पानी की पाइप लाइन टूटे अर्सा बीता
पत्रिका अभियान-संकट में माचिया-3

कुत्तों के बाड़े से भी बदत्तर स्थिति में जी रहे डॉग फेमिली के वन्यजीव

कुत्तों के बाड़े से भी बदत्तर स्थिति में जी रहे डॉग फेमिली के वन्यजीव

नंदकिशोर सारस्वत

जोधपुर. सारे शहर को जलापूर्ति करने वाले कायलाना जलाशय को अपने भीतर समेटे माचिया जैविक उद्यान के वन्यजीवों को एक-एक बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। वन विभाग के अधिकारियों माचिया जैविक उद्यान प्रशासन की बेपरवाही का आलम यह है कि कुत्तों के बाड़े से भी बदत्तर स्थिति में जी रहे डॉग प्रजाति के भेडि़ए, जैकाल सहित अधिकांश वन्यजीवों की स्थिति इन दिनों उस मछली की तरह है जो पानी के अंदर रहकर भी प्यासी है। उल्लेखनीय है जोधपुर के प्रमुख जलाशय कायलाना का प्रमुख भाग माचिया जैविक उद्यान के भीतर ही स्थित है।
शेल्टर हाउस से बाहर आने को रेम्प तक नहीं
करीब 33 करोड़ की लागत से बने माचिया जैविक उद्यान में वन्यजीवों को रात्रि विश्राम के लिए निर्मित शेल्टर हाउस से पुन: एन्क्लोजर (पिंजरे) में आने के लिए रेम्प नहीं होने के कारण कूद कर बाहर आना पड़ता है। डॉग प्रजाति के लकड़बग्घा (हायना ), भेडि़ए, जैकाल के अलावा भालू आदि के पिंजरों में रेम्प नहीं होने से वन्यजीवों को खासी दिक्कते आती हैं। ऐसे में कई बार वन्यजीव शेल्टर हाउस से बाहर तक आना पसंद नहीं करते है जिससे दर्शकों को वन्यजीव देखने से वंचित रहना पड़ता है। वन्यजीवों के लगभग सभी पिंजरों में पानी की पाइप लाइनें क्षतिग्रस्त हुए अर्सा बीत चुका है जिससे सभी जलकुण्ड सूखे पड़े है।
सीजेडए नियमों की अवहेलना
केन्द्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण के नियमों के अनुसार देश के किसी भी जंतुआलय अथवा वन्यजीव पार्क में वन्यजीवों का जोड़ा अथवा विशेष परिस्थिति में दो जोड़ों को रखा जाना चाहिए लेकिन जोधपुर के माचिया जैविक उद्यान में जैकाल (गीदड़) की संख्या 18 तक पहुंच चुकी है। जैकाल ने वॉटर बॉडी के नीचे घर बनाए है और कभी ढहने से मौत हो सकती है।
मरु लोमड़ी के लिए नहीं उपयुक्त माहौल

डेजर्ट फॉक्स (मरू लोमड़ी ) के जोड़े को पिछले दो साल से पैंथर के सटे पिंजरे के पास छोटे से कक्ष में रखा गया है। पैंथर का सर्वाधिक पसंदीदा आहार डॉग प्रजाति के वन्यजीव होते है। ऐसे में पैंथर की रोजाना सुनाई देने वाली दहाड़ से मरु लोमड़ी को हमेशा अपनी मौत का भय बना रहता है। मरु लोमड़ी का प्रजनन हुआ भी लेकिन भययुक्त माहौल के कारण लंबे अर्से बाद भी जोड़ा जस का तस है।
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