भूख से व्याकुल श्वान कातर नजरों से इधर-उधर देख रहा था, लेकिन इस मूक प्राणी की जान बचाने को लेकर कोई आगे नहीं आया। नतीजतन नदी के बीच में स्थित रेत का टीला पानी के वेग से कटता रहा, लेकिन देर रात तक श्वान को रेस्क्यू नहीं किया जा सका।
हुआ यूं कि कस्बे से गुजर रही लूणी नदी में बह रहे पानी का जायजा लेने शनिवार को मौके पर पहुंचे लूणी विधायक महेंद्र विश्नोई, पूर्व विधायक जोगाराम पटेल, लूणी तहसीलदार नारायणराम सुथार, विकास अधिकारी मोहनलाल चौधरी, सार्वजनिक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता मोहम्मद शरीफ, लूणी थाने के निरीक्षक नियाज मोहम्मद से ग्रामीणों ने श्वान को बचाने को आग्रह किया, लेकिन सभी ने इस बात को हंसते हुए टाल दी।
देर रात तक समाचार लिखे जाने तक श्वान को नहीं बचाया जा सका था।