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जोधपुर में पग-पग पर श्वान, हर रोज 20-30 जनों को काट खा रहे

locationजोधपुरPublished: Mar 23, 2019 10:08:13 pm

Submitted by:

Abhishek Bissa

नगर निगम की मजबूरी- जहां से पकड़ा, नसबंदी कर उसी वार्ड में छोडऩा पड़ता है

Dogs on pug-foot in Jodhpur, eating 20-30 people every day

जोधपुर में पग-पग पर श्वान, हर रोज 20-30 जनों को काट खा रहे

जोधपुर. शहर में इन दिनों विभिन्न क्षेत्रों में श्वानों की संख्या बढ़ गई है। हालात ये हैं कि हर दस कदम की दूरी पर एक-दो या इससे ज्यादा श्वानों का जमघट दिख जाएगा। बढ़ती श्वानों की संख्या के कारण रात्रि में दुर्घटनाएं और डॉग बाइट के केस बढ़ रहे हंै। नगर निगम श्वानों को शिकायत के बाद पकड़ तो लेता है, लेकिन एनिमल बर्थ कंट्रोल के नियमों के तहत श्वानों को जहां से लाता है, पुन: उसी जगह पर छोड़ देता है। इसके चलते आवारों श्वानों की संख्या में इजाफा हो रहा है। एमजीएच में एंटी रैबिज क्लिनिक का रिकार्ड खंगाले तो गत फरवरी माह में 719 मामले जानवरों के काटने के सामने आए, इसमें से 696 जनों को श्वानों ने काट खाया। इसके अलावा शहर के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भी एक-दो मामले श्वानों के काटने के हर रोज सामने आ रहे हैं।
बाइक के पीछे भागते हंै, करवा रहे दुर्घटना
जोधपुर शहर में रात 11 बजे के बाद अधिकांश क्षेत्रों में श्वान सक्रिय हो जाते हंै। श्वानों के कारण रात्रि में अधिकांश बाइक व स्कूटी चालक घायल हो रहे हैं। महात्मा गांधी व एमडीएम अस्पताल में इस तरह के कई केस सामने आते हैं।
हर रोज आते हैं 20 से 30 नए केस
एमजीएच की आउटडोर पर नजर डालें तो डॉग बाइट के प्रतिदिन कम से कम 20 से 30 मामले सामने आते हैं। ज्यादातर श्वान काटने की घटनाएं दोपहर व रात्रि में होती है। क्योंकि इस समय अमूमन इलाके सुनसान रहते हैं।
लोगों की परेशानी, समाधान त्वरित नहीं

नगर निगम में श्वानों को पकडऩे की शिकायत हर रोज रहती हैं। कई लोग बदमाश श्वानों को पकड़वाने के लिए फोन करते हैं तो कई जने रात्रि में इनके ज्यादा भौंकने से परेशान हैं। लोगों का तर्क है कि उनकी नींद में खलल पड़ता है।
निगम में डॉग के लिए ये व्यवस्था
नगर निगम के सूरसागर स्थित कुत्तों के बाड़े में बीमार कुत्तों के लिए अलग से वार्ड बने हुए हंै। जहां 30-35 बीमार कुत्तों को रखने की व्यवस्था है। इसके अलावा काटने वाले कैटेगरी के कुत्ते 200 हैं, जो निगम के एक बाड़े में कैद हैं। इन कुत्तों को प्रतिदिन सुबह-शाम भोजन दिया जाता है। इसके अलावा दानदाता भी इनकी सेवा में है। 6 कर्मचारी व दो प्रभारी बाड़े में कार्यरत हैं। एक पशु चिकित्सक कार्यरत हैं। निगम क्षेत्रवासियों की शिकायत पर श्वान पकड़ता है और उनकी नसबंदी कर दो-तीन दिन बाद जहां से लाता हैं, वहीं छोड़ देता है।
इनका कहना

हमें जहां शिकायत मिलती है, वहां तुरंत श्वान को पकड़वाने के लिए टीम भेजते हैं। अभी बाड़े के विकास को लेकर भी पैसे लगाए है। साथ ही ज्यादा से ज्यादा श्वानों की नसबंदी करवा रहे है, ताकि इनकी संख्या पर भी अंकुश लगे।
– सुरेश कुमार ओला, आयुक्त, नगर निगम

हमारे यहां हर रोज 20 से 30 श्वान काटने के मामले सामने आते हैं। ज्यादातर कुत्ते पैदल राहगीरों को शिकार बनाते है।

– डॉ. मनोज कुमार वर्मा, सीनियर डेमोस्ट्रेटर, एमजीएच
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