मेहरानगढ़ दुखांतिका के समय ऑटो वालों ने किया था राहत व बचाव कार्य
जोधपुरPublished: Jul 31, 2019 07:01:44 pm
जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ( Rajasthan High Court ) ने मेहरानगढ़ दुखांतिका ( Mehrangarh tragedy ) से जुड़ी जस्टिस जसराज चौपड़ा जांच आयोग की रिपोर्ट ( Justice Jasraj Chopra Commission report ) सीलबंद लिफाफे मेे पेश करने के आदेश दिए, राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि राज्य कैबिनेट ने रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर नहीं रखने का निर्णय किया है। रिपोर्ट के कुछ अंश सार्वजनिक होने पर कानून व्यवस्था प्रभावित होने का अंदेशा जताया। इससे यह मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है। मेहरानगढ़ में नवरात्रा पर 30 सितंबर 2008 को हुए हादसे में 216 श्रद्धालुओं की मृत्यु होने पर पूरा शहर स्तब्ध रह गया था। उस समय शहर के ऑटो चालकों ने मेहरानगढ़ दुर्ग ( mehrangarh fort ) हादसे के घायलों को अस्पताल पहुंचा कर राहत कार्य ( Relief and rescue work ) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
During the Mehrangarh tragedy, the auto drivers done relief and rescue
जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (
Rajasthan High Court ) ने मेहरानगढ़ दुखांतिका ( Mehrangarh tragedy ) से जुड़ी जस्टिस जसराज चौपड़ा जांच आयोग की रिपोर्ट ( Justice Jasraj Chopra Commission report ) सीलबंद लिफाफे मेे पेश करने के आदेश दिए, राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि राज्य कैबिनेट ने रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर नहीं रखने का निर्णय किया है। रिपोर्ट के कुछ अंश सार्वजनिक होने पर कानून व्यवस्था प्रभावित होने का अंदेशा जताया। इससे यह मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है। मेहरानगढ़ में नवरात्रा पर 30 सितंबर 2008 को हुए हादसे में 216 श्रद्धालुओं की मृत्यु होने पर पूरा शहर स्तब्ध रह गया था। उस समय शहर के ऑटो चालकों ने मेहरानगढ़ दुर्ग ( mehrangarh fort ) हादसे के घायलों को अस्पताल पहुंचा कर राहत कार्य ( Relief and rescue work ) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हजारों लोगों की भीड़ में से लोगों को निकालना, उन्हें उठाना और फिर अस्पताल पहुंचाना बड़ा ही मुश्किल काम था। इसके बावजूद मदद के जज्बे से भरे 30 से 35 ऑटो चालकों ने हादसे मेंजख्मी श्रद्धालुओं को समय पर अस्पताल पहुंचाने का कार्य किया था। उनके इस कार्य की शहर के लोगों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की थी।