
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर आज जोधपुर के दौरे पर हैं। वे अल सुबह जोधपुर सर्किट हाउस पहुंचे। उन्होंने यहां संभागीय स्तर के अधिकारियों की बैठक ली। इसके बाद स्वच्छता एवं सूर्य नमस्कार को लेकर बैठक में हिस्सा लिया। ये बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। इसके बाद दोपहर में मदन दिलावर ने सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें जब शिक्षा मंत्री से शिक्षकों के तबादले को लेकर सवाल किया गया तो वे इसे टाल गए। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि आपको ये सवाल मुख्यमंत्री से पूछना चाहिए।
वहीं शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम राजस्थान में एक नया प्रयोग कर रही हैं, जिसकी शुरुआत जोधपुर से की जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी तक शिक्षा विभाग और पंचायती राज विभाग में जो भी निर्माण कार्य होते हैं, उनकी जानकारी अंग्रेजी में दी जाती है। हम कोशिश कर रहे हैं कि आगे से ये जानकारी हिंदी में उपलब्ध करवाई जाए, ताकि आम जनता को भी निर्माण कार्य की गुणवत्ता समझ में आ सके। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अभी हमारा पहली प्रयास यह है कि जो भी घोषणाएं की गई हैं, पहले उनका पूरा करें। हम सिर्फ घोषणाएं पर घोषणाएं नहीं करना चाहते बल्कि उसे पूरा करना हमारा उद्देश्य है। स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले इतिहास विषय के सवाल पर उन्होंने कहा कि कई जगह इसे तोड़मरोड़ कर लिखा है। उन्होंने कहा कि मैंने सुना था कि चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह आतंकवादी हैं। कांग्रेस तो यह भी कहती है कि वीर सावरकर देशभक्त है ही नहीं। अगर इस तरह के अंश कितानों में होंगे तो उन्हें हटाया जाएगा।
इससे पहले शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने सर्वांगीण स्वच्छता को प्राथमिक जरूरत बताते हुए परिवेशीय स्वच्छता के प्रति हर स्तर पर सार्थक प्रयासों में गंभीरतापूर्वक समर्पित प्रयासों में जुटने का आह्वान किया है। शिक्षा मंत्री ने शुक्रवार को जोधपुर जिला कलेक्ट्रेट सभागार में स्वच्छता पखवाड़े के अन्तर्गत गतिविधियों की समीक्षा बैठक में यह आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप स्वच्छता पखवाड़े को सफल बनाने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी एवं पूर्ण समन्वय के साथ जुटें और इसमें कहीं कोई कमी न रहने दें। उन्होंने कहा कि स्वच्छता का कार्य एक पखवाड़े या अभियान तक सीमित नहीं रहे बल्कि इसे 365 दिनों में नियमित रूप से जारी रखने की आवश्यकता है। इसके लिए स्वच्छता को अपनी जीवनशैली का अहम हिस्सा बनाएं। उन्होंने कहा कि स्वच्छता को ग्राम पंचायत, उपखंड, ब्लॉक और वार्ड से लेकर हर स्तर पर अपनाने की जरूरत है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में स्वच्छता की दृष्टि से पंचायत कार्यालय, सार्वजनिक एवं विद्यालयों के शौचालयों की सफाई सुनिश्चित की जाए। इसके लिए नियमित निरीक्षण व समीक्षा पर पूरा-पूरा ध्यान दिया जाए। खासकर प्लास्टिक के उपयोग पर रोकथाम के लिए कारगर प्रयास करें। इसके लिए उन्होंने सभी अधिकारियों से आह्वान किया कि स्व अनुशासन से प्लास्टिक के उपयोग को रोकें और समाज में सम्पूर्ण स्वच्छता का आदर्श वातावरण स्थापित करें।
Published on:
02 Feb 2024 02:22 pm
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