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फसली ऋण माफी योजना में करोड़ों का घपला

locationजोधपुरPublished: Jul 09, 2020 08:18:52 pm

jodhpur news
-जालोर की 9 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में 2.87 करोड़ का गबन-साख सीमा बढ़ाने के साथ गैर किसानों को दे दिया लोन

फसली ऋण माफी योजना में करोड़ों का घपला

फसली ऋण माफी योजना में करोड़ों का घपला

जोधपुर. जालोर स्थित केंद्रीय सहकारी बैंक सायला शाखा के अधीन नौ ग्राम सेवा सहकारी समितियों (जीएसएस) में फसली ऋण माफी योजना-2018 की प्राथमिक जांच में 2.87 करोड़ का घोटाला सामने आया है। जीएसएस के अधिकारियों ने किसानों की साख सीमा बढ़ाने सहित अन्य अनियमितताओं के साथ कई गैर किसानों को ऋण दिया। अन्य जीएसएस के किसानों के नाम फर्जी ऋण उठाकर उनकी ऋण माफी करवा ली।
प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में 1.49 करोड़ की राशि पूरी तरीके से वसूलने योग्य और 1.37 करोड़ की राशि रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं होने पर संदिग्ध मानी गई है। रिपोर्ट में सायला बैंक के शाखा प्रबंधक, ऋण पर्यवेक्षक और जीएसएस के तत्कालीन व्यवस्थापकोंं को दोषी माना गया है।
प्राथमिक जांच में घोटाला सामने आने के बाद जयपुर स्थित अतिरिक्त रजिस्ट्रार भोमाराम ने राजस्थान सहकारी समितियां अधिनियम-2001 की धारा-55 में पूरे प्रकरण की जांच के निर्देश दिए हैं। जोधपुर के अतिरिक्त रजिस्ट्रार धनसिंह देवल को जांच अधिकारी बनाया गया है।
कहां-कितना घोटाला
1-बलवाड़ा जीएसएस में 43.79 लाख की राशि अधिक माफी की गई, जीएसएस ने 100 सदस्यों की साख सीमा के 50.43 लाख के रिकॉर्ड नहीं दिए।
2- केशवना जीएसएस में 41.83 लाख का अधिक ऋण माफ किया, 39 सदस्यों के 19.27 लाख के रिकॉर्ड नहीं दिए।
3-आसालन में 18.14 लाख का फर्जीवाड़ा, 25 सदस्यों के 7.89 लाख के रिकॉर्ड नहीं दिए।
4- माण्डवला में 7.39 लाख का ऋण अधिक बांटा, 24 सदस्यों के 11.99 लाख के रिकॉर्ड नहीं दिए।
5-असाना में 3.70 लाख का फर्जी ऋण माफ, 70 सदस्यों के 26.92 लाख के रिकॉर्ड गायब।
6- ऐलाना में 6.38 लाख रुपए की अधिक ऋण माफी, 25 सदस्यों के 7.83 लाख के रिकॉर्ड नहीं।
7- चौराऊ में 13.85 लाख का गबन, 12 सदस्यों के 3.22 लाख कारिकॉर्ड नदारद
8- भिसनगढ़ में 9.21 लाख का घोटाला, 16 सदस्यों के 4.58 लाख का रिकॉर्ड नहीं
9- थलवाड़ में 5.59 लाख की अधिक ऋण माफी, जीएसएस ने 18 सदस्यों के 4.97 लाख के रिकॉर्ड नहीं दिए।
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‘प्राथमिक जांच में घोटाला सामने आने के बाद धारा-55 में जोधपुर के अतिरिक्त रजिस्ट्रार को जांच सौंपी गई है।’
-प्रशांत कल्ला, प्रबंध निदेशक, केंद्रीय सहकारी बैंक जालोर

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