जानकारों की माने तो तिंवरी कस्बे के उत्तरोतर विकास के लिहाज से नगरपालिका का होना जरूरी माना जा रहा है। कस्बे में ग्राम पंचायत मुख्यालय होने से अपेक्षित विकास नहीं हो रहा। ग्राम पंचायत की क्षमताओं का विकास यहां हो चुका है। अब नगरपालिका बनने से ही और विकास संभव है।
तिंवरी आबादी क्षेत्र में सीवरेज लाइन की सख्त जरूरत है। सीवरेज लाइन का निर्माण का कार्य नगरपालिका बनने से ही संभव है। इसके बाद कस्बे की सफाई व्यवस्था सुदृढ़ होगी। कस्बे के विकास के लिए अधिक बजट मिलेगा। जिससे विभिन्न कार्य आसानी से हो सकेंगे।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर भी चिकित्सा सेवाओं का विस्तार होगा। जिससे लोगों को बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध हो सकेगी। नगरपालिका बनने से कस्बे में सामुदायिक भवन का निर्माण भी हो सकेगा। जिससे विवाह, समारोह इत्यादि में लोगों को कम किराया चुकाना पड़ेगा। चूंकि तिंवरी में रीको एरिया शीघ्र ही विकसित हो रहा है। ऐसे में नगरपालिका बनने से वहां भी कई प्रकार सुविधाएं मुहैया हो सकेगी। नगरपालिका बनने से उच्च शिक्षण संस्थान खुलने में भी सुविधा रहेगी।
तिंवरी को नगरपालिका बनाने को लेकर युवाओं ने एकजुट होकर एक मुहिम चलाई है। जिसके तहत युवा घर-घर पहुंचकर प्रत्येक परिवार से नगरपालिका बनाने के पक्ष का एक सहमति पत्र जुटा रहे हैं। जिसमें पूरे परिवार के सदस्यों के हस्ताक्षर करवाए जा रहे हैं। परिवार के मुखिया का हस्ताक्षर मय मोबाइल नम्बर के आईडी भी इस सहमत्ति पत्र के साथ लगाया जा रहा है। इस तरह एकत्रित किए गए 5 हजार सहमति पत्रों को तिंवरी को नगरपालिका बनाने के पक्ष में उपखंड अधिकारी को सौंपा जाएगा।
तिंवरी ग्राम पंचायत को नगरपालिका बनाने को लेकर आपत्तियां मांगी गई है। इसके बाद प्रस्ताव बनाकर आगे भेजा जाएगा। -रतनलाल रैगर, उपखंड अधिकारी, ओसियां। ओसियां उपखंड अधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई है। वहां से रिपोर्ट आते ही आगे की कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को दस्तावेज भेज दिए जाएंगे।
-अंजुम ताहिर समा, अपर जिला कलक्टर, जोधपुर