कोर्ट ने राज्य सरकार को कहा अगली सुनवाई पर पूरे प्लान के साथ आएं, ताकि यह पता चल सके कि करोड़ों रुपए के खर्च के बाद टाउन हॉल कैसे संवरेगा। वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश विनीतकुमार माथुर की खंडपीठ में स्वप्रसंज्ञान के आधार पर दर्ज जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिलकुमार गौड़ के सहयोगी ने बताया कि राज्य सरकार ने टाउन हॉल के पुनरुद्धार और मरम्मत के लिए 4.50 करोड़ रुपए की योजना स्वीकृत की है।
यह खर्च जोधपुर विकास प्राधिकरण और सरकार आधा-आधा वहन करेंगे। इसके तहत सिविल वर्क पर 88 लाख रुपए, प्लम्बिंग कार्य पर 6.38 लाख, इलेक्ट्रिक वर्क पर 48.81 लाख, फायर वर्क पर 57 लाख, इंटीरियर वर्क पर 1.06 करोड़ तथा साउंड एवं लाइटिंग सिस्टम पर 43 लाख रुपए का खर्च प्रस्तावित है। इसके अलावा एचवीएसी तथा सीसीटीवी कैमरे व अन्य सुविधाएं विकसित की जानी प्रस्तावित हैं।
कोर्ट ने कहा कि डीपीआर के आंकड़ों से कुछ भी स्पष्ट नहीं हो रहा कि आखिर पुनरुद्धार के नाम पर क्या किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इंटीरियर एवं अन्य कार्यों के नक्शे और विशेषज्ञों की राय के अनुसार प्लानिंग की गई या नहीं, यह जानना जरूरी है। कोर्ट ने सरकार को मोहलत देते हुए अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को मुकर्रर की है।