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जोधपुर: A4 साइज के पेपर पर छापते थे 500 के 4 नकली नोट, ढाई लाख रुपये मिलने से पहले ही पुलिस ने दबोचा, नागौर से जुड़े हैं तार

मण्डोर कृषि उपज मण्डी के कमरे में 7.41 लाख के जाली नोट के साथ गिरफ्तार आरोपी पिछले दो साल से जाली नोट छापते थे और ठेले पर चलाते थे।

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नकली नोट छापने के मामले में गिरफ्तार आरोपी।

जोधपुर । मण्डोर कृषि उपज मण्डी के कमरे में 7.41 लाख के जाली नोट के साथ गिरफ्तार दोनों आरोपी पिछले दो साल से छोटे स्तर पर जाली नोट छापते थे। प्रतिदिन पांच-पांच सौ के चार से आठ नोट छापते थे और मण्डी परिसर व आस-पास के ठेला धारकों को देकर बाजार में चलाते थे। इस दौरान ही इन्हें 10 लाख के जाली नोट बनाने का ऑर्डर मिला था। बदले में ढाई लाख रुपए मिलने वाले थे, लेकिन पहले ही पकड़ में आ गए।

पुलिस के अनुसार प्रकरण में गिरफ्तार नागौर जिले में पांचौड़ी हाल मघजी की घाटी निवासी श्रवण व्यास व गोवा कला निवासी बाबूलाल प्रजापत एक-एक दिन रिमाण्ड पर थे। यह अवधि समाप्त होने पर दोनों को गुरुवार को दोबारा कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें एक बार फिर छह-छह दिन के लिए रिमाण्ड पर भेजने के आदेश दिए गए। दोनों को सात मई को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा। उप निरीक्षक विश्राम मीणा दोनों से पूछताछ कर रहे हैं।

सब्जी ठेला धारकों से चलाते थे जाली नोट

आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि आरोपियों ने दो साल पहले जाली नोट बनाने का काम शुरू किया था। दोनों प्रतिदिन के छह-सात नोट छापते थे। ए-4 के एक पेज पर चार नोट छापे जाते थे। आरोपी मण्डी परिसर व आस-पास के क्षेत्रों में ठेला धारकों को नकली नोट देकर सामान खरीदते थे। कभी कभार पकड़े भी गए थे, लेकिन गलती से जाली नोट आना बताकर माफी मांग लेते थे।

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दस लाख के जाली नोट बनवाने वाले की तलाश

बाजार में सामान खरीदने के बदले नकली नोट चलाने के दौरान ही आरोपियों की एक व्यक्ति से मुलाकात हुई थी। उसने दस लाख के जाली नोट बनाकर देने का ऑर्डर दिया था। इसके बदले उसने ढाई लाख रुपए देने की बात की थी। इसमें से 7.41 लाख के नोट छाप लिए थे। तभी पुलिस ने पकड़ लिया था।