अनुदान को लेकर मिल रही थी शिकायतें
अनुदान के लिए आवेदकों को बेवजह चक्कर लगाने पड़ते थे। संबंधित कार्मिकों की लेटलतीफी, जरूरी दस्तावेज की पूर्ति नहीं होने से उन्हें योजनाओं का फायदा मिलने में विलंब होता था। किसानों ने बताया कि साहूकार से कर्ज लेकर यंत्रों की खरीदारी करनी पड़ती थी। देरी होने पर साहूकार को ब्याज भी देना पड़ता था। विभाग ने किसानों की अनुदान को लेकर मिल रही शिकायतों को ध्यान में रखते हुए किसान अधिकार पत्र लागू किया है। लापरवाही बरतने वाले कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विभाग की नई पहल से किसानों को राहत मिल सकेगी।
आवेदन 7 दिन में दस्तावेज की जांच
कृषि विभाग के कार्मिकों ने बताया कि नए सत्र से राज किसान पोर्टल पर आवेदन के 85 दिन की अवधि में अनुदान जारी किया जाएगा। आवेदन के 7 दिन में दस्तावेज की जांच, इसके बाद 8 दिन में प्रशासनिक स्वीकृति जारी करनी होगी। 45 दिन में किसान को यंत्र खरीदकर कृषि पर्यवेक्षक को रिपोर्ट करनी होगी। 15 दिन में कृषि पर्यवेक्षक को पोस्ट वैरिफिकेशन करना होगा। इसके बाद बजट होने पर 10 दिन में अनुदान का भुगतान किसान के बैंक खाते में डालना होगा।
कृषि उपकरणों और किसान के बच्चों को देते हैं अनुदान
कृषि विभाग की ओर से किसानों को सिंचाई पाइपलाइन, कृषि यंत्र, फार्म पोंड, बीज, मिनी किट, जिप्सम, कृषि में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को सहायता राशि, पौध संरक्षण उपकरण, पॉली हाउस, ग्रीन हाउस आदि पर अनुदान दिया जाता है।