scriptमहिला रिसर्च स्कोलर ने लगाया शिक्षक पर छेड़छाड़ का आरोप | Female research scholar accuses teacher of molestation | Patrika News

महिला रिसर्च स्कोलर ने लगाया शिक्षक पर छेड़छाड़ का आरोप

locationजोधपुरPublished: Nov 12, 2021 08:51:45 pm

– मामला उछलने पर विभागीय परिषद की बैठक में रफा-दफा किया मामला

महिला रिसर्च स्कोलर ने लगाया शिक्षक पर छेड़छाड़ का आरोप

महिला रिसर्च स्कोलर ने लगाया शिक्षक पर छेड़छाड़ का आरोप

जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में एक महिला रिसर्च स्कोलर ने अपने गाइड शिक्षक पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। विभाग ने शिक्षक को बचाने के लिए चुपचाप विभागीय परिषद (डीसी) की बैठक बुलाकर स्कोलर का गाइड बदल दिया। विभाग ने मामले को दबाते हुए विवि प्रशासन को भी सूचना नहीं दी। इधर, विभागाध्यक्ष ने छेड़छाड़ व दुव्र्यवहार से इनकार किया है।
शोधार्थी छात्रा ने तीन-चार दिन पहले लिखित शिकायत में अपने गाइड पर छेड़छाड़ और दुव्र्यवहार का आरोप लगाया था। विभाग ने पहले महिला को फौरा आश्वासन दिया। तीन दिन से महिला कार्रवाई के लिए विभाग के चक्कर लगाती रही, लेकिन उसको टरकाया जा रहा था। वह बुधवार को अपने पति और कुछ छात्रों को लेकर पहुंची तो विभाग के अन्य शिक्षकों से नोकझोंक हो गई। मामला वहीं पर खत्म करने के लिए विभाग ने बुधवार को ही विभागीय परिषद की बैठक में आरोप लगाने वाली महिला का गाइड बदलकर उसे संतुष्ट करने का प्रयास किया।
दूसरी शिकायत लिखवाई
महिला रिसर्च स्कॉलर की मूल शिकायत को विभाग ने रफा-दफा कर दिया और गाइड बदलने के नाम पर एक नई लिखित शिकायत लिखवाई ताकि इसके आधार पर विभागीय परिषद में गाइड बदला जा सके। विभागीय परिषद के बैठक स्वीकृति के लिए एकेडमिक काउंसिल में जाते हैं।
डीसी नहीं बदलती गाइड, रिसर्च बोर्ड बदलता है
नियमानुसार विभागीय परिषद (डीसी) को गाइड बदलने का अधिकार नहीं है। डीसी अपनी बैठक के मिनट्स रिसर्च बोर्ड का भेजता है। रिसर्च बोर्ड उस पर विचार विमर्श करने के बाद संबंधित विभाग को गाइड बदलने संबंधी परामर्श देता है। हिंदी विभाग ने बगैर रिसर्च बोर्ड की अनुशंषा के गाइड बदल दिया।
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‘महिला स्कोलर ने गाइड बदलने के लिए लिखित में दिया था, इसलिए हमने विभागीय परिषद में उसका गाइड बदल दिया। दुव्र्यवहार का कोई मामला नहीं है।’
-प्रो. किशोरीलाल रैगर, विभागाध्यक्ष, हिंदी विभाग जेएनवीयू
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‘मुझे तो किसी ने बताया नहीं। अभी मैं जयपुर आया हूं। वापस आकर पूछताछ करता हूं।’
-प्रो. प्रवीण चंद्र त्रिवेदी, कुलपति, जेएनवीयू जोधपुर
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