मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने डिजिटल यूनिवर्सिटी के लिए बजट में 400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था। इसके बाद पिछले करीब एक महीने से विवि परिसर के लिए जमीन तलाशने की कवायद की जा रही है। वैसे तो कई जमीनें देखी गई है, लेकिन माना जा रहा है कि यह विवि भी नागौर रोड पर स्थापित हो सकता है। आईआईटी, आयुर्वेद विवि, एनएलयू व एनआईएफडी जैसे राष्ट्रीय शिक्षण संस्थान भी नागौर रोड पर ही है।
अनूठा होगा कैम्पस
विवि परिसर के लिए प्रख्यात आर्टिटेक्ट्स से डिजाइन तैयार करवाई जा रही है। कोशिश की जा रही है कि विवि का बहुमंजिला भवन ट्विन टॉवर की शक्ल में हो, जो दूर से ही वरच्युअल दुनिया का आभास करवाए।
कंस्लटेंट होगा नियुक्त राज्य सरकार ने गत जून में डिजिटल यूनिवर्सिटी व बजट में घोषित अन्य तकनीकी संस्थानों के लिए कंस्लटेंट की नियुक्ति को मंजूरी दी थी। इसके लिए 8 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं।
इसलिए फिनटैक
प्रस्तावित विवि के नाम में जोड़ा गया शब्द फिनटैक फाइनेंस और टेक्नोलॉजी के कॉम्बिनेशन को इंगित करता है। यानी विवि के पाठ्यक्रमों में तकनीक आधारित वित्तीय सेवाओं के त्वरित आदान-प्रदान पर भी फोकस किया जाएगा।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस व स्पेशलिटी स्कूल भी यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ कम्प्यूटर साइंस एंड आईटी, फाइनेंस एंड अकाउंटिंग, डाटा एनालिटिक्स और स्कूल ऑफ एनालिटिक मैथामेटिक्स स्थापित किए जाएंगे। साथ ही आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस (एआई), ब्लॉकचैन, डाटा एनालिटिक्स, रोबोटिक्स, बायो-कम्प्यूटिंग, ट्रांसफॉर्मिंग लाइव्स एंड डिसरप्टिंग कन्वेंशन मॉडल ञफ वर्क एंड बिजनेस जैसे एक्सीलेंस केंद्रों की स्थापना भी प्रस्तावित हैं।
यह है उद्देश्य – प्रशिक्षित मानव संसाधनों की मांग पूरी करना
– सामाजिक विज्ञान, कला, साहित्य, इतिहास, क्षेत्रीय अध्ययन, भाषा, मीडिया व प्रबंधन में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा -शिक्षा, विधि, अर्थशास्त्र, प्रबंधन, गवर्नेंस, नीति निर्माण जैसे बहुआयामी क्षेत्रों में तकनीक आधारित शोध को बढ़ावा
एक्सपर्ट कमेंट
डिजिटल यूनिवर्सिटी में सभी कोर्स ऑनलाइन होंगे। विद्यार्थियों को पढ़ाई में काफी लचीलापन और सुविधा रहेगी। वे कहीं से भी बैठकर कोर्स कर सकेंगे। यह विवि शुरू होने से देश-प्रदेश के विद्यार्थियों को काफी फायदा होगा।
-प्रो केआर चौधरी, पूर्व विभागाध्यक्ष, एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज जोधपुर