लॉक डाउन के कारण वर्तमान में एक अनुमान के मुताबिक आटा व दाल मिलों के पास कच्चे माल अनाज व दलहन का स्टॉक खत्म होने वाला है। लॉक डाउन के कारण प्रदेश में कृषि उपज मण्डी में किसानों की खुली बोली बंद है। दूरगामी परिवहन की कठिनाइयों की परिस्थितियों को देखते हुए किसान कृषि मण्डियों में माल नहीं ला पा रहे है।
मंडियों में अनाज की कमी व बाजार में कालाबाजारी पनपने की आशंका के बीच राजस्थान पत्रिका ने शुक्रवार को ‘अनाज की कमी’ बजा सकती है खतरे की घंटी शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद सरकार ने शुक्रवार को निजी आटा मिलों के एफसीआइ गोदामों से गेहूं खरीदने के आदेश जारी किए।
अलवर— 820
बांसवाड़ा— 400
बारां— 270
बाड़मेर—580
भरतपुर— 570
भीलवाड़ा— 540
बीकानेर— 530
बूंदी— 250
चित्तौडगढ़़—350
चुरू—460
दौसा—370
धौलपुर— 270
डूंगरपुर—310
गंगानगर—440
हनुमानगढ़— 400
जयपुर— 1480
जैसलमेर— 150
जालोर— 410
झालावाड़—320
झूंझुनू— 480
जोधपुर— 830
करौली—330
कोटा—440
नागौर—740
पाली— 460
प्रतापगढ़— 190
राजसमंद—260
सवाईमाधोपुर—300
सीकर—600
सिरोही— 230
टोंक— 320
उदयपुर—690 कुल— 14680 इनका कहना है
भारत सरकार ने परिस्थितियों को देखते हुए निश्चित राशि अथवा ऑक्शन के माध्यम से निजी आटा मिलों को कच्चा अनाज उपलब्ध कराने के आदेश दे दिए। एफसीआइ गोदाम से निजी आटा मिलों के लिए गेहूं खरीद प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन जिला कलक्टर की स्वीकृति से ही निजी आटा मिल मालिकों को गेहूं वितरण होगा।
– शैलेन्द्र, डीएम, एफसीआइ