हिन्दू रीति रिवाज से हुए विवाह समारोह में दूल्हे जां फासुआं ऊंटगाडी पर बैठकर बारात के रूप में विवाह स्थल बाबा रामदेव मंदिर पहुंचे और तोरण की रस्म निभाई। बारात में शामिल ग्रामीण युवक नाचते हुए विवाह स्थल पहुंचे। पाणिग्रहण संस्कार में दूल्हे जां फासुआं ने जब सेसील की मांग भरी तो मंदिर परिसर तालियों की गडगड़़ाहट से गूंज उठा। पंडित ने जब सात फेरों के साथ सात जन्मों का संकल्प दिलवाया तो ग्रामीण महिलाओं ने पारम्पिरक विवाह गीत गाए। महिलाओं के गीत सुनकर दुल्हा व दुल्हन एक दूसरे को देख उत्साहित नजर आए।
कुलदीप सिंह शेखावत ने बताया कि गांव के सोढ़ों की ढाणी स्थित शिवसिंह सोढ़ा के घर पर दुल्हा व दुल्हन को पारम्पिरक रीति-रिवाज के अनुसार तैयार किया गया। दुल्हे को धोती-कुर्ता पहनाया गया साथ ही जोधपुरी साफे पर मोड व तुर्रियां लगाई गई। वहीं दुल्हन भी मारवाड़ी वेशभूषा में सजी-धजी नजर आयी। इस शादी को लेकर फ्रैंच जोड़ा पिछले सात दिनों से गांव में है। इस शादी की तैयारी ग्रामीणों ने की। गांव में विदेशी जोडे की शादी को देख ग्रामीण भी काफी रोमांचित हुए।